500 स्कूलों की जांच शुरू, मापदंड पूरे न होने पर बंद हो सकते हैं स्कूल


निजी स्कूलों की मान्यता के लिए शिक्षा विभाग ने सख्त नियम लागू किए हैं। 23 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य, भौतिक सत्यापन और जियो टैगिंग से होगी निगरानी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

निजी स्कूल संचालकों के लिए शिक्षा विभाग के नए नियम सख्त चुनौतियां लेकर आए हैं। राज्य शिक्षा केंद्र ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत, स्कूलों का भौतिक सत्यापन होगा और मान्यता के लिए तय मापदंडों को पूरा करना अनिवार्य होगा। जिले के लगभग 500 निजी स्कूलों को 23 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यदि कोई स्कूल इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरता है, तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है।

भौतिक सत्यापन और जियो टैगिंग अनिवार्य

शिक्षा विभाग की टीम स्कूलों का विस्तृत सर्वे करेगी। सर्वे के दौरान स्कूल भवन, खेल मैदान, शौचालय, पेयजल सुविधा, प्रशिक्षित स्टाफ, और कक्षा-कक्षों की स्थिति की जांच की जाएगी। जनशिक्षकों को जियो टैगिंग के जरिए तस्वीरें अपलोड करनी होंगी, ताकि सत्यापन में पारदर्शिता बनी रहे।

नियमों के अनुसार, स्कूल के पास अपना भवन होना चाहिए। साथ ही खेल मैदान और लैब जैसी बुनियादी सुविधाएं भी अनिवार्य हैं। जो स्कूल किराए के भवन में चल रहे हैं या आवासीय स्थानों पर संचालित हो रहे हैं, उनकी मान्यता रद्द होने की संभावना अधिक है।

ऑनलाइन प्रक्रिया और अंतिम तारीख

निजी स्कूलों को पहली बार आरटीई मोबाइल ऐप और पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। डीपीसी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 23 जनवरी तक आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद बीआरसी स्तर पर 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार कर डीपीसी को सौंपी जाएगी। यदि किसी स्कूल की मान्यता खारिज होती है, तो उसे अपील का अवसर मिलेगा।

स्कूलों पर फीस नियंत्रण

निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी पर भी सरकार ने सख्ती दिखाई है। अब स्कूल प्रबंधन 10% से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। यदि किसी स्कूल को अधिक फीस बढ़ानी है, तो उन्हें जिला समिति की अनुमति लेनी होगी। स्कूलों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों को पाठ्य सामग्री और गणवेश खरीदने के लिए किसी विशेष दुकान से खरीदने के लिए बाध्य न करें।

 

आवेदन और मान्यता के लिए तय मापदंड

1. भवन: स्कूल के पास स्वयं का भवन होना चाहिए।

2. खेल मैदान: खेल-कूद गतिविधियों के लिए पर्याप्त स्थान।

3. प्रशिक्षित स्टाफ: शिक्षकों के पास डीएड या बीएड जैसी आवश्यक योग्यता होनी चाहिए।

4. अन्य सुविधाएं: विज्ञान लैब, पुस्तकालय और स्वच्छ शौचालय।

5. सोसायटी पंजीकरण: स्कूल संचालन के लिए मान्यता प्राप्त सोसायटी का होना आवश्यक है।

500 से अधिक स्कूलों की मान्यता पर फैसला

जिले के 500 से अधिक निजी स्कूलों में से 80% को अपनी मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा। जिन स्कूलों में मान्यता संबंधित खामियां पाई जाएंगी, उन्हें सुधार के लिए समय दिया जाएगा।

 

सरकार का उद्देश्य और संभावित प्रभाव

यह कदम सरकारी शिक्षा प्रणाली को सुधारने और निजी स्कूलों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। नियमों के अनुपालन में असफल रहने वाले स्कूल बंद हो सकते हैं, जिससे छात्र-छात्राओं को वैकल्पिक स्कूलों में दाखिला लेना पड़ सकता है।

 

विशेषज्ञों की राय:

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा, लेकिन छोटे और मध्यम वर्गीय स्कूलों के लिए यह आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

प्रदीप खरे, डीपीसी धार:

“स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। मापदंड पूरे न करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी। आवेदन की अंतिम तिथि 23 जनवरी है।”

सरकार के इस कदम से न केवल शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि बच्चों और अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।