नई व्यवस्था से बढ़ेगी पारदर्शिता, RI और पटवारी को अब करना होगा और भी ज्यादा मैदानी काम


इन कर्मियों को अब जियो टैगिंग करनी होगी और ई-डायरी भी भरनी पड़ेगी, जिसके सत्यापन का जिम्मा तहसीलदार और नायब तहसीलदार पर होगा। यह व्यवस्था जल्द ही राजस्व मामलों के निराकरण में शुद्धता लाने के लिए शुरू की जा रही है।


आशीष यादव
धार Published On :

सरकार ने आम जनता के बीच पारदर्शिता बनाए रखने और समय पर काम सुनिश्चित करने के लिए निर्णय लिया है कि राजस्व निरीक्षक और पटवारी अब जमीनों के बंटवारे, रिकॉर्ड दुरुस्ती जैसे काम दफ्तर या घर से नहीं कर सकेंगे। उन्हें यह काम मौके पर जाकर करने होंगे और जियो टैगिंग करनी होगी, जिसमें सिस्टम से स्थान, समय और तारीख खुद अंकित हो जाएगा। यह रिकॉर्ड तुरंत ऑनलाइन हो जाएगा। इसके अलावा, उन्हें सुबह से शाम तक के कामों और अगले दिन के कार्यों का विवरण ई-डायरी में भरना होगा। हालांकि, जिन कामों में जियो टैगिंग जरूरी नहीं है, वे दफ्तर में बैठकर किए जा सकेंगे। यह नई व्यवस्था पटवारियों के लिए अतिरिक्त काम का बोझ ला सकती है।

अगले महीने लागू होगी नई व्यवस्था

सरकार इस नई व्यवस्था को अगस्त के पहले सप्ताह से लागू करने जा रही है। यह व्यवस्था उन क्षेत्रों में भी काम करेगी जहां नेटवर्क की समस्या है। राजस्व विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई लोगों के काम समय पर नहीं होते और कई बार तो आरआई और पटवारी मौके पर जाए बिना ही काम कर देते हैं, जिससे विवाद की स्थिति बनती है और मामले कोर्ट में चले जाते हैं। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व से जुड़े कामों में गति और शुद्धता लाने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है।

जियो टैगिंग से नुकसान

जिले में 794 पटवारी के पद हैं, जिनमें से 671 पटवारी जमीन पर काम कर रहे हैं वहीं 123 पद आज भी खाली हैं, जिससे कई पटवारियों को एक से अधिक गांवों का काम देखना पड़ रहा है। जियो टैगिंग लागू होने के बाद उन्हें मैदान में जाना पड़ेगा, जिससे समय और संसाधनों की कमी हो सकती है। कई बार खेतों में सड़कों की कमी के कारण जियो टैगिंग के साथ काम करना मुश्किल हो सकता है।

यह करना होगा

खाली पद भरने होंगे और अतिरिक्त हल्कों का प्रभार वापस लेना होगा। वाहन भत्ता बढ़ाना होगा, क्योंकि जियो टैगिंग के बाद खर्च बढ़ना तय है। पटवारी अभी सारा काम ऐप पर करते हैं, जिसमें राजस्व विभाग एक नया मॉड्यूल लेकर आ रहा है, जिसमें जियो टैगिंग और ई-डायरी जैसी सुविधाएं होंगी।

ये होंगे फायदे

इस व्यवस्था से अफसरों को निगरानी करने में आसानी होगी और काम में पारदर्शिता और शुद्धता बनी रहेगी। आवेदकों को परेशानी नहीं होगी और आरआई-पटवारियों पर सवाल नहीं उठेंगे। न्यायालयीन प्रकरणों में कमी आएगी और ई-डायरी से जिम्मेदारी आएगी। सबसे ज्यादा फायदा किसान वर्ग को होगा, क्योंकि उनके काम समय पर न होने के कारण यह कदम उठाया गया है।

जिले की वर्तमान स्थिति

जिले में 1625 राजस्व गांव हैं, जिनमें 794 पटवारी पद हैं, जिनमें से 761 कार्यरत हैं और 123 पद खाली हैं। नए पदों की नियुक्ति में समय लग रहा है। जिले में 45 आरआई पद हैं, जिनमें से 20 पद अभी भी खाली हैं। साथ ही, जिले में 26 तहसीलदार और नायब तहसीलदार पदस्थ हैं और 7 अनुविभागीय अधिकारी कार्यरत हैं।


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