पैसों की मांग से तंग आकर कर दी थी हत्या, पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा


– अदालत में सुनवाई के दौरान गवाहों ने पुलिस की कार्रवाई व कहानी का समर्थन नहीं किया।
– अदालत ने घटना के समय मौजूद महिला के पूर्व में दर्ज बयान, मेडिकल रिपोर्ट व पुलिस की कार्रवाई को लेकर ही सजा सुनाई।


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धार Published On :
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धार। अदालत में हत्या के एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान गवाहों ने पुलिस की कार्रवाई व कहानी का समर्थन नहीं किया, इसके बावजूद कोर्ट ने पूर्व में दर्ज महिला के बयान, मेडिकल रिपोर्ट व पुलिस की कार्रवाई को लेकर ही सजा सुनाई है।

चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह गुर्जर के द्वारा हत्या के मामले में निर्णय पारित करते हुए पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही पीड़ित परिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से प्रतिकर सहायता राशि दिलाई जाने के आदेश भी दिए हैं।

प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि 28 दिसंबर को सुबह ग्राम जामंदा में खेत के समीप लाश होने की सूचना चौकीदार के द्वारा दी गई थी।

मामले में नौगांव पुलिस टीम मौके पर पहुंची व मर्ग कायम कर प्रकरण की जांच शुरू की गई। मृतक की पहचान जयराम नाम के व्यक्ति के रुप में हुई थी।

पुलिस ने जांच के दौरान आरोपी राकेश पिता दिलीप, रूपेश पिता दिलीप, अजय पिता मांगीलाल, गणेश उर्फ धनश्याम पिता मांगीलाल, काला पिता राजु को गिरफ्तार किया था।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 27 दिसंबर 2017 को सुबह मृतक जयराम के साथ बस स्टैंड पर स्थित काला की शराब की दुकान पर बैठकर शराब पी थी। वहां से आरोपी मृतक जयराम व उसकी बहन दुर्गाबाई को मोटरसाइकिल से फोरलाइन जैतपुरा तरफ लेकर गए।

यहां पर रात्रि करीब 12 बजे जामंदा फाटे पर खेत में आरोपियों ने जयराम की सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी थी। साथ ही मौके पर मौजूद मृतक की बहन दुर्गाबाई को जान से मारने की धमकी भी दी व आरोपी राकेश महिला को अपने साथ लेकर चला गया था।

झगड़े के रुपये नहीं देने पर हत्या –

पुरोहित के अनुसार समाज की प्रथा के अनुसार मृतक जयराम आरोपी राकेश से झगड़े के रुपये मांग रहा था। दरअसल मृतक की बहन दुर्गाबाई को आरोपी राकेश लेकर भाग गया था, इसी बात के रुपये झगड़े के रुप में जयराम मांग रहा था।

इसी बात से नाराज होकर आरोपियों ने हत्या कर दी थी। पुलिस ने घटनास्थल पहुंचकर मौके से खून लगा पत्थर, एक जोड़ी चप्पल, एक शराब का क्वार्टर आदि जब्त किया था।

पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। जहां पर कुल 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए, जिसमें 6 गवाह ने पुलिस की कहानी का समर्थन नहीं किया व इस प्रकार की घटना से इंकार कर दिया।

घटना के दौरान मौजूद मृतक की बहन भी बयान से पलटी –

घटना वाले दिन मृतक की बहन व आरोपी की पत्नी दुर्गाबाई मौजूद थी, जिसने कोर्ट में पहले हत्या आरोपियों द्वारा करने की बात कबूल की थी लेकिन अगली ही पेशी में बहन दुर्गाबाई अपने बयानों से पलट गई व घटना का समर्थन नहीं किया।

हालांकि, अदालत ने दुर्गाबाई के पूर्व के कथन, मौके की परिस्थिति, पीएम रिपोर्ट व नौगांव पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के तहत ही आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


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