मौत का घाट होगा खत्म: गणेश घाट के ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए नई सड़क तैयार, ज़िंदगी बचाने की कवायद


मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे पर स्थित गणेश घाट, जो देश के सबसे खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स में से एक है, अब हादसों से मुक्त हो सकेगा। 106 करोड़ रुपये की लागत से 8.8 किमी लंबी तीन-लेन वैकल्पिक सड़क का निर्माण पूरा होने वाला है। यह सड़क पुरानी खतरनाक ढलान और अंधे मोड़ों की जगह लेगी।


आशीष यादव
धार Updated On :
मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे का गणेश घाट वैकल्पिक मार्ग

मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे के गणेश घाट पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं पर अब लगाम लग सकेगी। एनएचएआई द्वारा चार किमी की खतरनाक ढलान वाली सड़क की जगह 106 करोड़ रुपये की लागत से 8.8 किमी लंबा नया वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है, जो इसी सप्ताह चालू हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि तीन लेन वाली सड़क पर ढलान और अंधे मोड़ होने की वजह से हर महीने लगभग 10 दुर्घटनाएं होती थीं। इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पहले पेवर ब्लॉक और ड्रम जैसे उपाय किए गए, लेकिन इनका कोई खास परिणाम नहीं निकला।

वर्तमान में स्थायी समाधान के तहत नई सड़क का निर्माण किया गया है, जो दिसंबर तक पूरा होने का लक्ष्य था और अब यह लगभग तैयार है। इसे देश के सबसे खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स में शामिल गणेश घाट की समस्याओं से स्थायी राहत के रूप में देखा जा रहा है। शनिवार को इस सड़क का निरीक्षण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के भोपाल अधिकारियों ने किया। बांझल ने बताया कि मौजूदा सड़क से तीन किमी दूर 8.8 किमी लंबी तीन लेन वाली नई सड़क बनाई जा रही है, जिसमें चार वायाडक्ट होंगे। यह सड़क पूरी तरह ब्लैक स्पॉट से मुक्त होगी। नई सड़क के शुरू होने के बाद पुरानी सड़क को बंद कर दिया जाएगा और आने-जाने की अलग-अलग लेन होंगी, जिससे दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी।

गणेश घाट को एनएचएआई ने देश के खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स में शामिल किया है। यहां जब भी दुर्घटनाएं होती थीं, तो कई वाहन एक साथ चपेट में आ जाते थे। ढलान पर इंदौर की ओर से जाने वाले भारी वाहन अक्सर ब्रेक फेल होने की वजह से दूसरी दिशा से आने वाले वाहनों से टकरा जाते थे। इन हादसों में कई बार वाहनों में आग भी लग जाती थी। दुर्घटनाओं की गंभीरता इतनी अधिक थी कि हर महीने यहां औसतन 4 से 5 लोगों की मौत हो जाती थी। इसके चलते स्थानीय लोग इसे ‘मौत का घाट’ कहने लगे थे। इस मामले को लेकर राज्यसभा में भी सवाल उठाए गए थे।

लगातार बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए एनएचएआई ने इस सड़क के निर्माण को अपनी प्राथमिकता बनाया। दो महीने पहले केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से निर्माण कार्य तेज कर दिया गया था। अब इस नई सड़क के तैयार हो जाने से इंदौर से महाराष्ट्र जाने वाले वाहनों को बड़ी राहत मिलेगी।

यह सड़क 106 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है और तीन लेन वाली यह नई सड़क वाहनों के लिए सुरक्षित होगी। गणेश घाट की ढलान और अंधे मोड़ की जगह अब सपाट और सीधा मार्ग होगा। इसके निर्माण में यह सुनिश्चित किया गया है कि कोहरे और बारिश जैसे मौसम में भी यह मार्ग पूरी तरह सुरक्षित बना रहे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान रात में सड़क की सुरक्षा स्थिति और यातायात के प्रभाव का गहन अध्ययन किया।

नई सड़क पर ट्रैफिक शुरू होने के बाद पुरानी सड़क पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। इसके साथ ही आने वाले समय में वाहन चालकों को गणेश घाट पर दुर्घटनाओं के खौफ से निजात मिलेगी। सड़क हादसों को रोकने की दिशा में यह परियोजना एक बड़ी सफलता के रूप में देखी जा रही है।

 

अधिकारियों ने बताया कि सप्ताह के भीतर इस सड़क को यातायात के लिए चालू किया जा सकता है। निरीक्षण टीम ने इस दौरान विभिन्न मौसमी परिस्थितियों जैसे ठंड में कोहरा और बारिश में पानी की निकासी की भी समीक्षा की। सभी पहलुओं पर विचार करते हुए सड़क को सुरक्षित घोषित करने के बाद ही इसे खोला जाएगा। गणेश घाट का यह नया वैकल्पिक मार्ग देश के सबसे बड़े ब्लैक स्पॉट को समाप्त कर एक नई शुरुआत करेगा।


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