धार। जिला मुख्यालय पर रविवार को राज्य लोक सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा दो सत्रों में 38 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गई।
कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने इंदौर नाका स्थित शासकीय पीजी कॉलेज में बने केंद्र का अवलोकन कर चल रही परीक्षा के बारे में तथा परीक्षार्थियों के लिए की ही व्यवस्थाओं को देख एसडीएम दिव्या पटेल से आवश्यक जानकारी प्राप्त की।
उक्त परीक्षा केंद्रों पर जिला कोषालय से प्रातः 7 बजे परीक्षा संबंधी गोपनीय सामग्री ले जाने एवं वापस जिला कोषालय में जमा करवाने के लिए पांच जीप वाहन पर्यवेक्षकों के लिए उपलब्ध कराई गई थी।
प्राप्त निर्देशानुसार कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोरोना संक्रमित छात्रों के लिए जिला मुख्यालय पर पृथक से दो विशेष परीक्षा केंद्र टाइमिंग पब्लिक स्कूल (दशहरा मैदान) एवं सहज इंटरनेशल स्कूल (जेल रोड, धार) बनाए गए थे।
कलेक्टर ने निरीक्षण कर कहा कि जिले के 38 केंद्रों पर 10 हजार से अधिक बच्चों ने एमपीपीएससी की परीक्षा दी है। कोविड काल के पश्चात पहली बार कोई परीक्षा ऑफलाइन में हुई है।
सभी बच्चों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई थी। मास्क, सैनिटाइजर के साथ हमारी मेडिकल टीम यहां मौजूद थी। इसके साथ ही सभी सेंटरों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित वातावरण मिलने के साथ ही कमरों में लाइट, पानी, बैठने की व्यवस्था के लिए दो दिन से प्रशासनिक टीम द्वारा लगातार निरीक्षण कर सभी आवश्यकता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई थीं।
सभी 38 केंद्रों पर परीक्षा पूरी तरह से शांतिपूर्वक चली। सभी केंद्रों पर दोनों सत्र के लिए पेपर लाने-ले जाने की स्पेशल ऑफिसर की ड्यूटी थी। इसके साथ ही पुलिस फोर्स लगाया गया था। परीक्षा के पश्चात सभी शीट को ट्रेजरी में जमा करवाया गया और सोमवार को पीएससी को हैंडओवर किया गया।
जिला कलेक्टर ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि परीक्षा की स्वच्छता बनी रहे और जो बच्चे परीक्षा देने आए हैं, उन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो और कोविड के नियमों का पालन हो।
बारिश के कारण हुए परेशान –
वहीं लगातार जिले में तीन दिन से हो रही बारिश ने परीक्षार्थियों को परेशान कर दिया। परीक्षा देने वाले विद्यार्थी बारिश में गीले हो गए। वहीं कई परीक्षा केंद्रों पर कई परीक्षार्थी सुबह 8 बजे से ही पहुंच गए थे।