धार। गुरुवार को हुए दुःखद घटनाक्रम में समीपस्थ ग्राम पाडल्या में तीन साल की मासूम नंदिनी की आवारा कुत्तों द्वारा नोंचे जाने के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जवाब मांगा है।
इसमें आयोग की ओर से दो मुख्य बिंदु सहित दो अन्य बिंदुओं में अपनी ओर से सहायता देते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव, धार कलेक्टर सहित पंचायत की ओर से तीन सप्ताह में जवाब मांगा गया है।
दरअसल पाडल्या गांव में तीन साल की मासूम नंदिनी रोज की तरह बीते गुरुवार को भी अपने भाई-बहन के साथ खेल रही थी, फिर अचानक कहीं से कुत्तों का एक झुंड आया और नंदिनी को नोंच डाला।
बच्ची ढ़ाई मिनट तक संघर्ष करती रही, खून से उसका शरीर लथपथ हो गया और अंततः उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा है कि पाडल्या गांव से दूर कुत्तों के हमले में बच्ची के संघर्ष को याद करने भर से सिहरन पैदा हो जाती है। सोचिए, उसने यह पीड़ा खुद भोगी है। बेटी की मौत से मां का कलेजा फटा जा रहा है।
इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुख्य सचिव मप्र शासन, कलेक्टर धार एवं ग्राम पंचायत पाडल्या से तीन सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।
आयोग द्वारा मुख्य सचिव एवं कलेक्टर, धार से पूछा गया है कि धार जिले के गांवों में कुत्तों की नसबंदी आदि एवं अन्य सुरक्षात्मक उपायों की क्या व्यवस्था है? साथ ही यह भी पूछा है कि क्या इस प्रकरण में कोई मुआवजा दिया गया है या नहीं।
इन विशेष बिंदुओं पर मांगी जानकारी –
इस मामले में जिला पचायत सीईओ केएल मीणा से चर्चा करने पर जानकारी मिली कि पंचायतो में ऐसी कोई राशि नहीं आती। फिर भी गांवों में आवारा कुत्तों के लिए योजना बनाकर उन पर कार्य करेंगे।
1- मप्र शासन को आवारा कुत्तों के काटने से होनी वाली व्यक्तियों की मृत्यु या उपहति के संबंध में तीन माह में आवश्यक प्रतिकर योजना बनाये जाने की अनुशंसा की गई है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को यथाशीघ्र युक्तियुक्त प्रतिकर राशि शासन से प्राप्त हो सके।
2- विकल्प में मप्र शासन के राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6 क्रमांक-4 में अन्य दुर्घटनाओं के संबंध में पीड़ितो को आर्थिक सहायता/प्रतिकर के प्रावधानों के अनुरूप ही आवारा कुत्तों के काटने से हो रही दुर्घटनाओं के संबंध में भी युक्तियुक्त प्रतिकर राशि दिलाये जाने के लिए आवश्यक संशोधन तीन माह में करने की अनुशंसा की गई।
3- जब तक कोई कार्यवाही मप्र शासन द्वारा नहीं की जाती है, तब तक आवारा कुत्तों के काटने से हुई दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु पर दुर्घटना तिथि से दो माह में अंतरिम प्रतिकर राशि के रूप में दो लाख रूपये और उपहति कारित होने के मामले में उनकी संख्या और गंभीरता की प्रकृति को देखते हुए जांचकर 10 हजार से लेकर एक लाख रुपए की राशि देने की अनुशंसा आयोग की ओर से भी की गई है।
4- इसके साथ ही विभिन्न वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत अपेक्षा के अनुरूप मप्र शासन स्थानीय प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग आदि को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराते हुए ऐसे आवारा कुत्तों के संबंध में आवश्यक बाड़ो, कुत्ते पकड़ने के वाहन, कर्मचारियों की व्यवस्था, मोबाइल मेडिकल वेन, कुत्तों के स्टरलाईजेशन एंड इम्यूलाईजेशन, नियमानुसार संबंधित कुत्तों को विनिष्ट किये जाने की कार्यवाही ऐसी दुघर्टनाओं से पीड़ित व्यक्तियों के लिए निःशुल्क इलाज एवं आवश्यक दवाईयों की प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्धता आदि की अनुशंसा की गई है