धारः फिर शुरू हुआ डेढ़ साल पहले कुर्क हुए शहर का ये अस्पताल


कोर्ट के आदेश के बाद मिली राहत, संपत्ति की कुर्की का आदेश था


आशीष यादव
धार Published On :

शहर के बहुचर्चित सेंट टैरेसा कंपाउंड जमीन घोटाले के मामले में प्रशासन द्वारा आरोपी सुधीर जैन की संपत्‍ती को कुर्क करवाया गया था। निचली अदालत के आदेश पर इन संपत्तियों को कुर्क किया गया था। लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ बुधवार को सामने आया है। इसमें बुधवार को संपत्‍ती पर लगा ताला खोल दिया गया है।

संपत्‍ती को खोलने के मामले में संबंधित पक्षकारों केे वकील ने जानकारी दी है कि निचली अदालत द्वारा जो आदेश दिया गया था, उसे सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसी आदेश पर संपत्‍ती को दोबारा खोला गया है। वहीं इस मामले में प्रशासन का कहना है कि अदालत का जो भी आदेश है, उसमें कानूनी राय ली जा रही है।

गौरतलब है कि सेंट टैरेसा कंपाउंड जमीन घोटाले में भगोड़ा घोषित हो चुका मास्‍टरमाइंड सुधीर जैन अब तक फरार है। इस कारण पुलिस ने प्रशासन के सहयोग से मास्‍टरमाइंड जैन की संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई की थी।

निचली अदालत के आदेश के बाद शहर में मौजूद सुधीर जैन की संपत्‍ति‍यों को पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में सील कर दिया गया था। इसके तहत शहर के कोर्ट रोड स्थित मेवाड़ हॉस्पिटल को भी सील कर दिया गया था। जिसे बुधवार को अचानक खोलने पर हड़कंप मच गया। इसके बाद पक्षकार सुनील जैन की तरफ से उनके वकील केशव दीक्षित ने पूरे मामले की जानकारी मीडिया के सामने रखी। वकील दीक्षित ने बताया निचली अदालत द्वारा जो आदेश दिया गया था। उसे सेशन कोर्ट ने खारीज कर दिया है।

यह है मामलाः
शहर के आदर्श सड़क पर मौजूद सेंट टैरेसा कंपाउंड की जमीन की खरीद-फरोख्‍त करने के मामले में 28 नवंबर 2021 को धार पुलिस ने 27 आरोपियों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। इस जमीन घोटाले का मास्‍टरमाइंड सुधीर जैन अब भी फरार है। जिस पर पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा है। लेकिन घोटाले के दो साल बाद भी जैन फरार ही चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ अब कुर्क की गई संपत्‍ती को भी खोलने के आदेश अदालत ने दिए है। हालांकि इस फैसले के बाद अभी सिर्फ एक ही संपत्‍ती को खोला गया है। जबकि इसके अलावा कुर्क की गई अन्‍य संपत्तियों को लेकर अभी कोई निर्णय सामने नहीं रखा गया है।

इनका कहनाः 
इस मामले में धार तहसीलदार दिनेश उईके ने बताया कि अभी यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। हमने संबंधित व्‍यक्ति को जानकारी के साथ बुलवाया है कि उनके द्वारा जो सिविल कोर्ट का आदेश प्रस्‍तुत किया गया है। हम भी हमारे शासकीय अधिवक्‍ता से इसमें कानूनी राय लेंगे। उसके बाद ही अगली प्रक्रिया होगी, जो आदेश इनके द्वारा प्रस्‍तुत किया गया है वह 2022 का है। इन आदेशों का अवलोकन शासकीय अधिवक्‍त से करवाया जा रहा है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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