चुनाव के खर्च का हिसाब रखना लड़ने से भी ज्यादा मुश्किल, CA कह रहे कि हर रसीद है ज़रूरी


भोजन वेज 120 रुपए तो पोहा 10 रुपए प्रति व्यक्ति रहेगा, खर्च की निगरानी व्यय लेखा वीडियो सर्विलेंस टीम कर रही हैं


आशीष यादव
धार Updated On :

विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब तेज हो गई है। प्रत्याशियों द्वारा नामांकन फार्म भरना के जनसंपर्क शुरू कर दिया था। विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन कार्यालय सख्ती से नियमों का पालन करवा रहा है। इस साल जिले की 7 विधानसभा सीट में खड़े होने वाले अभ्यर्थी के लिए गाइड लाइन जारी है। गाइड लाइन के अनुसार एक अभ्यर्थी 40 लाख रुपए तक का खर्च वहन कर सकेगा। इन खर्चों के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय ने दल का गठन किया है।

निगरानी दल अभ्यर्थी के रैली, सभा सहित कार्यकर्ताओं पर खर्च होने वाली राशि का ब्यौरे की स्वयं मॉनीटरिंग करेगा और उसके हिसाब-किताब का रजिस्टर भी बनाएगा। यदि अभ्यर्थी द्वारा चुनाव में किए गए खर्च का ब्यौरा दल के तो अभ्यर्थी को वह खर्च बताना हिसाब-किताब से मेल नहीं खाया होगा। जिला निर्वाचन ने खर्च को लेकर विभिन्न कैटेगरी में रेट तय कर दी है।

40 लाख रुपये खर्च कर सकता है प्रत्याशी: निर्वाचन आयोग से मिले निर्देशों के अनुसार, विधानसभा चुनाव के दौरान एक प्रत्याशी 40 लाख रुपये खर्च कर सकता है। पहले खर्च की यह सीमा 28 लाख रुपये थी। निर्वाचन खर्च की राशि तो बढ़ गई है, लेकिन इसका लेखा-जोखा रखना प्रत्याशियों के लिए सिरदर्द बन गया है। हालांकि, उम्मीदवारों को सिर्फ 10 हजार रुपये ही नकद खर्च करने की अनुमति होगी।

10 हजार के ऊपर करना होगा ऑनलाइन माध्यम से भुगतान: चुनाव आयोग के निर्देश है कि उम्मीदवार जब अपना नामांकन आवेदन जमा करेंगे तो निर्वाचन अधिकारी द्वारा उनको रजिस्टर दिया जाएगा, जिसमें प्रत्याशियों को हर दिन का खर्च दर्ज करना होगा, जिसका बिल एवं पक्की रसीद भी साथ में रखनी होगी। प्रत्याशी सभी तरह के खर्च में नकद भुगतान सिर्फ 10 हजार रुपये तक ही कर सकते हैं। इससे ऊपर के खर्च के लिए चेक एवं ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करना होगा।

कार्य देखने के लिए रखे सीए: चुनावी लेखा-जोखा रखने के लिए प्रत्याशी अपने सीए से संपर्क कर रहे हैं। कर विशेषज्ञ उन्हें इस संबंध में जाएगा। मार्गदर्शन देते है। वैसे तो सामान्य दिनों में भी इनके पास बड़ी संख्या में क्लाइंट रहते हैं, लेकिन चुनावी समय में इनका काम दोगुना हो गया है। अक्टूबर माह के अंत तक करदाताओं की आडिट रिपोर्ट भी जमा करनी है। नगर के एक कर विशेषज्ञ ने बताया कि नामांकन फार्म जमा करते ही सीए की जिम्मेदारी भी शुरू हो जाती है। टीम इससे जुड़े कामों में लग जाती है।

सबसे कठिन काम है रोजाना खर्च का हिसाब: चुनाव में प्रत्याशी के लिए सबसे कठिन काम रोजाना के खर्च का लेखा-जोखा रखना है। इसके लिए प्रत्याशी को एक रजिस्टर भी दिया जाता है। इस रजिस्टर में प्रत्याशी ने जिस मद में भी खर्च किए है, उसका लेखा-जोखा रखना होता है। साथ ही बिल की प्रतियां भी सुरक्षित रखनी पड़ती है। प्रत्याशी के पास इतना समय नहीं होता कि वह यह सब काम कर सकते, इसलिए वह अपने विश्वासपात्र व्यक्ति को इसकी जिम्मेदारी देता है।

रसीद समेत जमा कराना होगा रजिस्टर: चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सभी प्रत्याशी को निर्वाचन व्यय लेखा जोखा निर्वाचन अधिकारी अपना व्यय एवं लेखा रजिस्टर, बिल, रसीद सहित जमा करना होगा। अगर कोई प्रत्याशी ऐसा नहीं करता है तो वह विधानसभा, लोकसभा, विधान परिषद एवं राज्यसभा के निर्वाचन के लिए तीन साल तक अयोग्य घोषित हो जाएगा और उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

ये हैं खर्च की दरें: निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार साड़ी प्रतिनग प्रति 300 रुपए, टीशर्ट 240, टोपी 60, चाय साफा 250, झंडा व बैनर लेकर रुपए चलने वाले मजदूरों को प्रति व्यक्ति भुगतान अनुसार 350. ड्रोन कैमरा 5 हजार प्रतिनग, नुक्कड़ 1200 नाटक 1 हजार, हार माला 30 15 रुपए प्रतिनग, चॉकलेट 200 रुपए 500 प्रति किलो, मिठाई 400 रुपए प्रकार किलो, समोसा व कचोरी 15 रुपए प्रतिनग पोहा 10 प्रति व्यक्ति के अनुसार, भोजन वेज 120 रुपए व्यक्ति नॉनवेज 175 प्रतिनग, 7 रुपए कट, पानी टेंकर 400 ,केन 30 रुपए, गादी-तकिया व चद्दर 60 रुपए प्रतिदिन, होटल में कमरे का किराया शुल्क प्रतिदिन, वाटर प्रूफ पंडाल प्रति वर्ग फुट, तोरण का निर्माण रुपए वर्ग फीट, अलग-अलग के चार पहिया वाहन परिवहन विभाग की जारी दर के अनुसार रहेगा। जिस वस्तु का उपयोग करेगा, उसका खर्च जुड़ जाएगा जिला निर्वाचन ने चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च के लिए कई तरह की कैटेगरी को लेकर आदेश जारी किए है।

इसमें प्रत्याशी जिस भी वस्तु का उपयोग करेगा। राजनीतिक दलों द्वारा अपने प्रत्याशियों को यह भी ध्यान देने के लिए कहा गया है कि प्रत्याशी स्वयं या उसका चुनाव संचालक स्टार प्रचारक के साथ हवाई जहाज, रेल या वाहन में यात्रा न करें, क्योंकि स्टार प्रचारक कुल व्यय का 50 फीसद खर्च प्रत्याशी के व्यय में जुड़ेगा। इसके हिसाब से खर्च चुनावी हिसाब में जुड़ जाएगा, जिसमें अगर प्रत्याशी ने अपनी रैली में हार पहना तो उसके 30 रुपए, लोगों को चाय पिलाई तो 7 रुपए खाना खिलाया तो 120 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से खर्च जुड़ेगा।


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