कोरोना मरीजों की जान से हो रहा था खिलवाड़, जानकारी के बाद भी जिम्मेदार नहीं कर रहे थे कार्रवाई


– स्वास्थ्य विभाग को भी थी जानकारी, लेकिन नहीं की कोई कार्रवाई।
– आपदा में भी अवसर खोज रहे हैं मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले।
– नालछा स्वास्थ्य केंद्र से 50 कदम की दूरी पर चल रहा था क्लीनिक ओर हो रहा था कोविड मरीजों का इलाज।


आशीष यादव
धार Published On :
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धार। जहां एक ओर लोग कोरोना महामारी में आमजन की सेवा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग आपदा में अवसर खोज रहे हैं। कुछ लोगों द्वारा आये दिन पैसे कमाने के अवसर ढूंढे जा रहे हैं।

नालछा उप स्वास्थ्य केंद्र के परिसर से 50 कदमों की दूरी पर अवैध रूप से क्लीनिक संचालित की जा रही थी, जिसकी जानकरी वहां के जिम्मेदार प्रभारी बीएमओ चमनदीप अरोरा व जिले के सीएमएचओ को भी थी।

क्लीनिक चला रहा आयुर्वेद डॉक्टर नियमों को ताक पर रखकर कर इलाज कर रहा था और मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था।

जिम्मेदार बीएमओ आंख बंद कर सो रहे थे। इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि मेरी डयूटी पीथमपुर में है और मैंने सीएमएचओ सर व भण्डारी सर को मौखिक सूचना दी थी।

इस पर सिटी मजिस्ट्रेट शिवांगी जोशी ने कहा कि इनको कहने की बजाय खुद भी कार्रवाई कर सकते थे। यह आपका अधिकार क्षेत्र में आता है।

बिना सुविधा के क्लिनिक में चल रहा था मरीजों का इलाज –

क्लीनिक संचालक बिना डरे क्लीनिक चला रहा था। सुविधा के नाम पर बस खानापूर्ति की जा रही थी। मरीजों को देखने के लिए ना तो अटेंडर डॉक्टर थे और ना ही नर्स थी।

क्लीनिक में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा था। इसकी जानकारी जिम्मेदार विभाग के बीएमओ को भी थी, लेकिन आज तक करवाई नहीं की गई थी।

वे बस खानापूर्ति करते आ रहे थे। जहां एक ओर जिले के आलाधिकारी इस महामारी से निपटने के लिए प्रबंध करने में जुटे हैं, वहीं कुछ गैर जिम्मेदार अधिकारी इसपर ध्यान नहीं दे रहे।

क्लिनिक में ना तो मरीजों के लिए पानी पीने की व्यवस्था है और ना सैनेटाइजर की व्यवस्था। क्लीनिक बिना कोविड नियमों से संचालित हो रहा था।

स्वास्थ केंद्र के जिम्मेदार अधिकारी दिन में सैंकड़ों बार हॉस्पिटल के सामने से निकलते हैं, लेकिन जिम्मेदार बीएमओ द्वारा आज तक वहां कार्रवाई नहीं की गई और एक-दूसरे पर इल्जाम लगाते नजर आए।

डॉक्टर की कार से कोरोना में उपयोग आने वाली दवाइयां और सैनिटाइजर जब्त –

सिटी मजिस्ट्रेट शिवांगी जोशी व सीएसपी यशवनी शिंदे के अमले ने कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी एक गाड़ी में मेडिकल दवाइयां व स्टॉक पाया गया है।
हमने अपनी टीम सीएमएचओ के साथ भेजी। टीम ने सामान को देखा तो पाया कि हमारे स्टोर का सामान है जो कि धरावरा में यूज होना था।

मौके पर स्टॉक लेकर पंचनामा बनाया गया और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है। अभी जांच-पड़ताल में पूछताछ करने पर सही जवाब नहीं दे पाया तो हम लोग अभी एफआईआर प्रस्तावित कर रहे हैं। दो डॉक्टर के खिलाफ जो इसमें लिप्त होने की सूचना है।

आये दिन धरावरा कोविड सेंटर की शिकायत आते रहती है। प्रभारी अधिकारी नदारद रहते हैं। जिले के कोविड प्रभारी मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने धरावरा कोविड सेंटर का औचक निरीक्षण भी किया था जिसमें लापरवाही खुलकर सामने आई थी।

वह फिर शिकायत मिलने पर दवाइयां की हेराफेरी से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस हेराफेरी में कोविड सेंटर पर कार्य कर रहे समस्त स्टाफ की मिलीभगत से ही दवाइयों की कालाबाजारी की जा रही होगी।

 

पॉजिटिव मरीजों के नाम से आने वाली दवाइयों की कालाबाजारी कर निजी क्लिनिक पर मंहगे दामों में उपयोग की जा रही होगी। मामले की जांच होने के बाद ही चेहरे उजागर होंगे।

बता दें कि जांच के दौरान पता चला कि नालछा में आयुर्वेद चिकित्सक घनश्याम जाट, जो धरावरा कोविड सेटर पर कार्यरत है, के द्वारा निजी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है।
जानकारी के आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में टीम नालछा पहुंची और अंदर देखने पर एलोपैथी की दवाइयां और मेडिकल स्टोर्स के साथ मरीज भी भर्ती मिलें।
धार के धरावरा स्थित कोविड सेंटर से डॉक्टर की कार से कोरोना में उपयोग आने वाली दवाइयां और सैनिटाइजर जप्त की गई।

खबर लिखे जान तक स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर का आवेदन दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट व सीएसपी द्वारा अन्य कर्मचारियों पर भी करवाई के लिए आदेशित किया गया है। निजी क्लीनिक को सील कर दिया गया है और आगे की कारवाई जारी है।


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