
धार जिले के धामनोद वन परिक्षेत्र में मांडू से सटे भड़कला के जंगल में मंगलवार सुबह एक तेंदुए का क्षत-विक्षत शव मिलने से हड़कंप मच गया। मृत तेंदुए का मुंह बुरी तरह कुचला हुआ था और उसके एक पैर का पंजा कटा हुआ था, जिससे मामले को लेकर कई संदेह पैदा हो रहे हैं। वन विभाग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, जबकि डॉक्टरों की एक टीम मौके पर पहुंचकर शव परीक्षण कर रही है।
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची
मंगलवार सुबह आसपास के ग्रामीणों ने जंगल में तेंदुए के शव को खाई में पड़ा देखा और तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही मांडू वन परिक्षेत्र के रेंजर भुवनसिंह मंडलोई अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद धामनोद वन परिक्षेत्र की टीम भी मौके पर पहुंची। शव को देखने के लिए आसपास के ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुए के शरीर से तेज बदबू आ रही थी, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसकी मौत 5-6 दिन पहले हुई होगी। शव की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह किसी अन्य जंगली जानवर के हमले में मारा गया है या फिर इसे किसी ने शिकार कर मार डाला।
तांत्रिक क्रिया का संदेह या प्राकृतिक मौत?
घटना को लेकर कई तरह के संदेह उठ रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि तेंदुए का पंजा कटा होना किसी तांत्रिक क्रिया की ओर संकेत कर सकता है, क्योंकि अंधविश्वास के चलते कई बार ऐसे मामलों में तेंदुए के अंगों का उपयोग तंत्र-मंत्र में किया जाता है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारी अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं और विस्तृत जांच की बात कह रहे हैं।
मांडू वन परिक्षेत्र अधिकारी भुवनसिंह मंडलोई ने कहा, “मामले की जांच जारी है। प्रथम दृष्टया यह तेंदुए की आपसी लड़ाई या किसी अन्य कारण से हुई मौत का मामला भी हो सकता है। हमने वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी है और विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।”
धामनोद वन परिक्षेत्र अधिकारी विवेक सिंह पटेल ने बताया कि वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी। धार वन मंडल अधिकारी अशोक सोलंकी ने कहा, “हमने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी है। पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही असली कारण सामने आएगा।”
वन्यजीव सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि यह शिकार का मामला साबित होता है, तो यह वन्यजीव सुरक्षा कानूनों की गंभीर अनदेखी होगी। वहीं, अगर यह किसी तांत्रिक क्रिया से जुड़ा मामला निकला, तो यह एक बेहद गंभीर अपराध होगा, जिस पर कठोर कार्रवाई की जरूरत होगी।
वन विभाग ने इस मामले में स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि यदि किसी को इस घटना से जुड़ी कोई जानकारी मिले तो वे तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
अब क्या…
तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम कर मौत के सही कारणों का पता लगाया जाएगा।
घटना की फॉरेंसिक जांच कर वन्यजीव अपराध से जुड़े पहलुओं की पुष्टि की जाएगी।
यदि शिकार या तांत्रिक क्रिया की पुष्टि होती है, तो दोषियों की तलाश कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग इस घटना को लेकर पूरी तरह सतर्क है और जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि यह तेंदुए की प्राकृतिक मौत थी या किसी अवैध गतिविधि का नतीजा।