100 करोड़ के चिटफंड कंपनी घोटाले में पकड़ाया मैनेजर, बैंकों से 3 गुना ज्यादा ब्याज देने का दिया लालच


चिटफंड कंपनी की करोड़ों की जादूगरी पटेल का प्यादा चढ़ा पुलिस के हत्थे, अब बारी पटेल एंड कंपनी की।


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धार Published On :
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धार। देश में पैसा दोगुना करने के नाम पर चिटफंड कंपनियों के घोटाले की लंबी लिस्ट है। धार में भी इसके पीड़ित कम नहीं है, लेकिन धार शहर का अब तक का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला हाल ही में उजागर हुआ था, जब लॉकडाउन के बाद निवेशकों को पैसा दोगुना करने के नाम पर ठगा गया।

कोरोना का वक्त था और लोग इस महामारी से उबर रहे थे, इस बीच में सबसे बड़ी चुनौती दोबारा आर्थिक स्थिति मजबूत करने की थी। इसका फायदा चिटफंड कंपनी की आड़ में ठगों ने भी उठाया।

ठगों ने लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने के इरादे से पूरी प्लानिंग के साथ धार में इस चिटफंड कंपनी के नाम से 100 करोड़ रुपये का घोटाला किया।

यह है मामला –

धार के मारुतिपुरा में एसएम गोल्ड और एसएम ट्रेड के नाम से चिटफंड कंपनी की आड़ में लोगों की मोटी कमाई निवेश करवाई गई। जून 2022 में शहर के निजी गार्डन में कार्यक्रम रखकर निवेश की योजना बताई गई थी।

धार में कंपनी के मैनेजर के तौर पर स्थानीय पंकज सोलंकी को जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें हर वर्ग में अपनी बचत का मोटा हिस्सा निवेश किया। जानकारी के अनुसार धार शहर से करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश इस कंपनी में हुआ।

कंपनी ने 3 गुना पैसा लौटाने का लालच दिया था, लेकिन इस लालच की हवा निकल गई और कंपनी बंद हो गई। उदाहरण के तौर पर यदि कोई निवेशक 5 लाख रुपये 18 महीने के लिए निवेश करता है तो उसे समय सीमा के बाद कंपनी 25 लाख का भुगतान करती, लेकिन यह सिर्फ ठगी का तरीका ही निकला।

धार कोतवाली पहुंची शिकायत –

कंपनी के घोटाले की बात तब समझ में आई जब निवेशकों ने निवेश की हुई रकम लौटाने के लिए दबाव बनाया तो कंपनी का मैनेजर पंकज सोलंकी फरार हो गया था। इसके बाद पीड़ित अखिलेश चौधरी, कार्तिक पाटीदार व दिनेश राठौर ने एसपी ऑफिस में आवेदन दिया था जिसकी जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने कंपनी के मैनेजर पंकज सोलंकी को गिरफ्तार किया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।

मैनेजर है प्यादे की भूमिका में –

अब बात करें इस घोटाले की तो कई तथ्य ऐसे हैं, जिसमें मैनेजर पंकज सोलंकी की भूमिका एक प्यादे के रूप में ही देखने को मिलती है। पेशे से सोलंकी टेलर का काम करता है, लेकिन मैनेजर बनने के बाद एक मोटी रकम कंपनी में निवेश हुई।

इस निवेश के पीछे की कहानी कुछ और ही सामने आई है। सूत्र बताते हैं कि धार के एक पटेल ने अपने रसूख और नाम का इस्तेमाल कर निवेशक को लालच दिखाया और उनसे पैसा कंपनी में निवेश करवाया, लेकिन कागज पर कहीं भी पटेल कंपनी में हिस्सेदारी नहीं रखता है।

सूत्र बताते हैं कि पटेल ने भी सोलंकी को प्यादे के रूप में खड़ा किया और यह 100 करोड़ का घोटाला करवाया। अब ऐसे में सवाल यह है कि पटेल का प्यादा तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया, लेकिन पर्दे के पीछे बैठे पटेल तक पुलिस पहुंचती है या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।


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