धार में सागवान तस्करों पर वन विभाग का बड़ा वार, 8 ट्रक लकड़ी और आरा मशीनें जब्त


धार जिले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सागवान की अवैध तस्करी का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान 8 ट्रक सागवान की लकड़ी और एक आरा मशीन जब्त की गई। वन माफियाओं की इस अवैध गतिविधि पर विभाग की नजर लंबे समय से थी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

धार वन मंडल क्षेत्र में वन माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध सागवान तस्करी के मामले का खुलासा हुआ है। वन विभाग की टीम ने मनावर इलाके में गोपनीय सूचना के आधार पर छापेमारी की और 8 ट्रक सागवान की कीमती लकड़ी और आरा मशीन जब्त की है। इस कार्रवाई को क्षेत्र में वन माफियाओं के अवैध कारोबार पर एक कड़ा प्रहार माना जा रहा है, जो न केवल वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चुनौती बना हुआ था बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा था।

वन माफियाओं की यह तस्करी लंबे समय से चल रही थी, और इसे रोकने के लिए वन विभाग की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे थे। डीएफओ अशोक सोलंकी के नेतृत्व में गठित टीम ने काफी दिनों से इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखी थी। डीएफओ ने कहा कि “कार्रवाई के दौरान 8 ट्रक सागवान लकड़ी और एक आरा मशीन जब्त की गई है। फिलहाल मामले की गहन जांच चल रही है और तस्करी में संलिप्त माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

 

अवैध कारोबार की साठगांठ का पर्दाफाश

धार वन मंडल क्षेत्र में लंबे समय से वन माफियाओं और आरा मशीन संचालकों के बीच अवैध साठगांठ चल रही थी। कीमती सागवान की लकड़ी को काटकर आरा मशीनों पर उसे तैयार किया जा रहा था और इसे अन्य क्षेत्रों में बेचने की योजना बनाई जा रही थी। इस मामले के खुलासे से यह साफ हो गया है कि यह अवैध तस्करी एक सुनियोजित और बड़े पैमाने पर चल रही थी।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में अवैध सागवान की लकड़ी का एकत्रित होना किसी एक दिन या एक महीने का काम नहीं है। इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या विभागीय साठगांठ भी इस तस्करी में शामिल हो सकती है। धार जिले में डीएफओ का उड़नदस्ता और इंदौर के वृत्त स्तर पर सीसीएफ का उड़नदस्ता लगातार निगरानी रखता है, फिर भी इतनी बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी का संचालित होना विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है।

 

वन क्षेत्र की सुरक्षा पर उठे सवाल

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में सागवान की लकड़ी किस वन क्षेत्र से काटी गई। धार वन मंडल के कई वन क्षेत्र सागवान की लकड़ी के लिए प्रसिद्ध हैं, और इस तरह की अवैध कटाई न केवल वन क्षेत्र की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों के आवास के लिए भी गंभीर खतरा है।

 

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है और जो भी लोग इस अवैध तस्करी में संलिप्त पाए जाएंगे, उन पर कानून के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि आरा मशीन संचालकों और तस्करी में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

प्राकृतिक संसाधनों का दोहन

यह मामला यह भी दर्शाता है कि वन माफिया किस तरह से प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन कर रहे हैं। बहुमूल्य सागवान की तस्करी एक गंभीर अपराध है, जो न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि देश की वन संपदा को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस तरह के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करें और वन माफियाओं की साठगांठ को जड़ से उखाड़ फेंके।

 

वन माफियाओं के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से जहां वन विभाग की तत्परता और सक्रियता सामने आई है, वहीं यह भी स्पष्ट हो गया है कि वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए और अधिक सतर्कता और सख्त निगरानी की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों के आवास की सुरक्षा के लिए इस तरह की अवैध तस्करी को रोकना आवश्यक है।

 

डीएफओ ने बनाई टीम और की कार्रवाई

धार वन विभाग ने गोपनीय सूचनाओं के आधार पर यह अभियान चलाया। डीएफओ अशोक सोलंकी ने बताया कि उन्होंने पहले ही एक गोपनीय टीम गठित कर मामले पर नजर रखी थी। जैसे ही मुखबिर की सूचना मिली, वैसे ही तुरंत टीम बनाकर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में क्षेत्रीय वन अधिकारियों और कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा। टीम में महेश कुमार अहिवार, होशियार सिंह कनोजे, श्रीमती बबीता बघेल, महेंद्र डामरे, अनिल हरोड, कमल रावत, राकेश तंवर, सरद सोलंकी, सोहनसिंह एस्के, नानुराम अलावा, भेरूसिंह देवके, बहादुरसिंह रणदा, रामसिंह कनेल, और रफीक खान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

आगे की जांच जारी

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले के बारीकी से तथ्यों की पड़ताल की जा रही है और तस्करी में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने संकेत दिए कि अवैध सागवान की तस्करी की रोकथाम के लिए और कड़ी निगरानी की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह के अवैध कारोबार पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।

 

डीएफओ अशोक सोलंकी ने बताया कि वन विभाग की यह कार्रवाई धार जिले के वन क्षेत्रों में अवैध रूप से कटाई और तस्करी की रोकथाम के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 



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