नौंवी की छात्रा से बलात्‍कार के दोषी को आजीवन कारावास व 7000 रुपये का जुर्माना


न्‍यायालय में अभियोजन द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य प्रमाणित होने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।


DeshGaon
धार Published On :
rape and court order

धार। विशेष अपर सत्र न्‍यायाधीश धरमपुरी द्वारा नाबालिग से बलात्कार के दोषी ठहराए गए राहुल बलाई (23 वर्ष) पिता राकेश बलाई निवासी नयापुल साला खलघाट थाना धामनोद जिला धार को आईपीसी धारा 376 में आजीवन कारावास एवं 5000/- रुपये अर्थदंड व आईपीसी धारा 450 मे 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रुपये अर्थदंड, आईपीसी धारा 506 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रुपये अर्थदंड धारा 3(क) सहपठित धारा 4 लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास शेष जीवनकाल तक से अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर आरोपी को 6-6 माह के अतिरिक्‍त कारावास से दंडित किया जाएगा।

नयापुल खाला खलघाट थाना धामनोद निवासी व उक्‍त निवास स्‍थान के ही स्‍कूल में कक्षा नौंवी की छात्रा जिसकी उम्र उस समय 15 वर्ष थी, रात में लगभग तीन बजे अपने घर के कमरे का दरवाजा खोलकर आंगन में बने बाथरूम मे गई थी।

उसी समय उसके गांव का निवासी अभियुक्‍त पीड़िता के उक्‍त कमरे में घुस गया और उसके बाद पीड़िता जब बाथरूम करके अपने कमरे में आई व दरवाजा लगाने लगी उसी समय अभियुक्‍त ने पीछे से उसका मुंह दबा दिया व धमकी दी कि चिल्‍लाना मत, नहीं तो जान से मार दूंगा व इसके साथ ही उसे जबरदस्‍ती नीचे गिराकर उसके साथ बलात्कार को अंजाम दिया।

इस दौरान जब पीड़िता चिल्‍लाई तो उसकी दादी लक्ष्‍मीबाई व बुआ ललिताबाई दौड़कर आई जिसके बाद अभियुक्‍त दरवाजा खोलकर भाग गया व भागते समय उसका सफेद रंग के बटन का मोबाइल वहीं गिर गया।

इसके पश्‍चात दूसरे मकान में निवासरत पीड़िता के माता-पिता को उसने घटना बताई एवं उसी दिन अपने माता-पिता के साथ थाना धामनोद आकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस थाना धामनोद पर अपराध क्रमांक 378/2019 मे आरोपी के विरूद्ध आईपीसी धारा 376, 450, 506 व धारा ¾ पॉक्‍सो अधिनियम का अपराध कायम कर प्रकरण में संपूर्ण विधिवत कार्यवाही बाद विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष अपर सत्र न्‍यायाधीश धरमपुरी के न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया था।

विचारण के दौरान न्‍यायालय में अभियोजन द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य प्रमाणित होने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।

इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी  धर्मराज मिमरोट द्वारा की गई।


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