
धार जिले में तेंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों और उनके अंग काटे जाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मांडू, बाग और कुक्षी रेंज में वन्यजीवों का शिकार लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में मांडू और बाग क्षेत्रों में दो तेंदुए मृत अवस्था में मिले थे। दोनों ही मामलों में तेंदुओं के पंजे और नाखून गायब थे, जिससे शिकार की आशंका और गहराती जा रही है। हालांकि, इन घटनाओं की असली वजह को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है।
समान घटनाएं, एक जैसा तरीका
दोनों घटनाओं में जिस प्रकार से तेंदुओं को मारा गया और उनके अंग काटे गए, उससे यह आशंका और भी गहरी हो गई है कि जंगल में शिकारी गिरोह सक्रिय हैं। वे तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखकर उन्हें शिकार बना रहे हैं। इन घटनाओं ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
धामनोद रेंज के वनरक्षक दिलीप पाटीदार और बाग रेंज के सचिन डोडवे को डीएफओ ने निलंबित कर दिया है। साथ ही, धामनोद के डिप्टी रेंजर कमल सिंह बघेल और रेंजर विवेक पटेल को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। वहीं बाग रेंज के डिप्टी रेंजर रेमश पटेल और रेंजर वैभव उपाध्याय को भी नोटिस थमाया गया है।
जांच टीम ने लिया मोर्चा
डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी ने बताया कि तेंदुओं की मौत के मामलों में गंभीरता से जांच की जा रही है। कुछ संदिग्धों से पूछताछ की गई है और घटनास्थल का मुआयना खुद उन्होंने किया है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सतत गश्त के निर्देश भी दिए हैं।
जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई है जिसमें धार के एसडीओ को भी शामिल किया गया है। टीम ने घटनाओं के तार जोड़ते हुए आरोपियों के अंतिम संपर्क बिंदु तक पहुंच बना ली है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही शिकारी पकड़े जाएंगे और पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।