राजा भोज द्वारा बनाए गए लैंडिया तालाब की बदलेगी सूरत, होगा जीर्णोद्धार


जीर्णोद्धार कार्य के तहत तालाब में गाद निकालने और साफ-सफाई का काम भी कराया जाएगा। तीन पद्धति से तालाब के पानी को स्वच्छ बनाने का काम किया जाएगा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
landia talab dhar

धार। जल स्त्रोतों के संरक्षण को लेकर नगरपालिका अब लैंडिया तालाब का जीर्णोद्धार कराने वाली है। इसके तहत तालाब की साफ-सफाई और पानी को स्वच्छ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट सहित कई काम कराए जाएंगे। कार्य की डीपीआर तैयार करने के लिए सर्वे शुरू हो चुका है।

बुधवार को तालाब क्षेत्र में सैलिस कंसलटेंसी फर्म के कर्मियों ने मशीन के मार्फत तालाब के आसपास की भूमि की भी जानकारी निकाली। मशीन को देखकर आसपास से ईंट भट्टे वाले और अन्य लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने तालाब के पास की जमीन को निजी बताया।

इधर तालाब के सीमांकन के लिए भी राजस्व विभाग को पत्र लिखा गया है। दरअसल रिकॉर्ड के अनुसार तालाब करीब साढ़े 3 हेक्टेयर में है और वर्तमान में दो-ढ़ाई हेक्टेयर में उसकी मौजूदगी दिखाई दे रही है।

उल्लेखनीय है कि लैंडिया तालाब के साथ धार नगरपालिका पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्त्रोत नयापुरा तालाब का भी क्षेत्रफल विस्तारीकरण करने वाली है।

तीन पद्धति से होगा ट्रीटमेंट –

लैंडिया तालाब में शहर के नालों का पानी सहित बरसाती पानी जमा होता है। यह तालाब राजा भोज द्वारा बनाए गए साढ़े 12 तालाबों में एक बताया जाता है। सालों पुराने इस तालाब में पहली मर्तबा साफ-सफाई की कवायद होने वाली है।

वर्तमान में तालाब का पानी ‘काला पानी’ में तब्दील हो चुका है। इसके आसपास बेतरतीब तरीके से घास और झाड़ियां हो गई हैं। इसके अतिरिक्त तालाब में गाद की भरमार है। जीर्णोद्धार कार्य के तहत तालाब में गाद निकालने और साफ-सफाई का काम भी कराया जाएगा।

तीन पद्धति से तालाब के पानी को स्वच्छ बनाने का काम किया जाएगा। हालांकि ट्रीटमेंट के बाद भी इसका उपयोग पेयजल में नहीं हो सकेगा, लेकिन एक स्वच्छ तालाब के रूप में लैंडिया तालाब का पानी भविष्य में अन्य उपयोगों में लिया जा सकेगा।

अमृत सरोवर योजना में होगा काम –

केन्द्र सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत नगरपालिका लैंडिया तालाब जीर्णोद्धार के लिए डीपीआर तैयार करवा रही है।

इसके तहत तालाब में नालों से समाहित होने वाले पानी में से प्लास्टिक और अन्य ठोस वेस्ट मैटेरियल और गाद को इमलीवन क्षेत्र में ही मैकेनिकल तरीके से रोका जाएगा।

सर्वे करने वाली कंपनी के अनुसार यहां पर प्लास्टिक सहित अन्य ठोस वस्तुएं अलग हो जाएंगी। इसे प्रतिदिन उठाया जाएगा।

इस तरह की ठोस वस्तुएं के रूकने के बाद तालाब की ओर मटमैला पानी बढ़ेगा। उस पानी को फाईटोरेमेडिएशन पद्धति से स्वच्छ किया जाएगा।

वेस्टवियर भी बनेगा –

लैंडिया तालाब में शहर का वेस्ट पानी एकत्रित होने के कारण इस तालाब को लेकर यूं भी लापरवाही रखी गई। पहली मर्तबा इसकी सुध ली जा रही है।

बुधवार को सर्वे करने के दौरान आसपास के लोगों ने तालाब में अधिक पानी के एकत्रित होने पर वेस्टवियर से पानी रिसने की जानकारी दी। इसके बाद वेस्टवियर को भी देखा जा रहा है।

कुछ स्थान पर दीवार भी जीर्णशीर्ण हो गई है। इस तरह के सभी कामों को जीर्णोद्धार के तहत कराया जाएगा। जरूरत पड़ी तो वेस्टवियर भी बनाया जाएगा।

डीपीआर तैयार होने के बाद लागत पता चलेगी –

लैंडिया तालाब के जीर्णोद्धार को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। डीपीआर तैयार होने के बाद लागत पता चलेगी। हमारा उद्देश्य है कि जल स्त्रोत स्वच्छ रहे। – निशिकांत शुक्ला, सीएमओ, धार



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