धार। जिले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, मुख्य अभियुक्त सुधीर दास का 5 दिन का मिला पुलिस रिमांड महिला डीएसपी यशस्वी शिंदे ने साक्ष्य जुटाने के लिए की कड़ी मेहनत, 1895 से भूमि के स्वामित्व संबंधी जुटाए साक्ष्य
गिरफ्तार आरोपियों को 11 दिसंबर तक जेल भेजा है।
अधिवक्ता के समर्थन में कोर्ट परिसर में वकीलों ने की नारेबाजी मप्र सरकार के एंटी माफिया अभियान के तहत धार पुलिस ने जिले की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई भू माफियाओं पर की है। करीब सवा 200 करोड़ की मुख्य मार्ग की सरकारी जमीन को कुटनीतिक तरीके से क्रय-विक्रय करने पर 27 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है।
इसमें से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूरे प्रकरण में 4 मुख्य आरोपी पाए गए हैं। जिन्होंने एक मत विचार के साथ जमीन को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से विक्रय किया है। मुख्य आरोपियों में सुधीर दास उर्फ बनी दास पिता रत्नाकर पीटरदास, सुधीर जैन, अखिलेश अमृतलाल शर्मा और विवेक पिता शेषनारायण तिवारी है। इनमें से दो मुख्य आरोपियों सुधीर दास और विवेक तिवारी को घर से गिरफ्तार किया गया है।
वहीं एक आरोपी सुधीर जैन को इंदौर से पकड़ने के लिए टीम भेजी गई है। 1 आरोपी फरार है। इसके अतिरिक्त भूमि सौदे करने वाले करीब 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 8 पुरुष और 5 महिलाएं है।
अक्टूबर माह में धार एसपी आदित्य प्रतापसिंह के पास जयसिंह पिता केसरसिंह ठाकुर निवासी पांदा तहसील महू ने धार इसाई समाज की कीमती जमीनों को फर्जी दस्तावेज तैयार करके जमीन की अफरा-तफरी करने की शिकायत की थी। इसके बाद एसपी ने जांच महिला अपराध शाखा की डीएसपी यशस्वी शिंदे को सौंपी थी। मामले में शहर के नामी-गिरामी लोग शामिल थे।
इसके बाद प्रत्येक साक्ष्य को जुटाने के लिए ग्वालियर भू अभिलेख से लेकर हाईकोर्ट सहित अन्य स्थानों से सत्यापित दस्तावेज जुटाए गए। इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर भादवी की धारा 193, 420, 409, 467, 468, 471, 120 बी जैसी धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया।
प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी रविवार सुबह से ही शुरु हो गई। इधर पुलिस टीम की अलग-अलग जगह दबिश के बाद हड़कम्प मंच गया। प्रकरण में शामिल अनेकों लोग गायब हो गए। पुलिस 27 आरोपितों में से 13 लोगों को ही गिरफ्तार कर पाई है। देर शाम करीब 4 बजे आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 11 दिसंबर तक जेल भेज दिया गया है।
जमीन की अफरा-तफरी के मामले में मुख्य आरोपियों के साथ उनके मुकदमों की पैरवी में शामिल अधिवक्ता विवेक तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है। एफआईआर में चार मुख्य आरोपियों में सुधीर दास, सुधीर जैन, अखिलेश शर्मा सहित विवेक तिवारी पर समान धाराएं लगाई गई है।
तिवारी को न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायाधीश कोर्ट के समक्ष वकीलों ने कई तर्क रखे। अधिवक्ता होने के नाते आरोपित तिवारी ने धारा 427 के तहत कोर्ट को बेल देने के पॉवर होने की बात कहते हुए स्वयं को निर्दोष सिद्ध करने के लिए कई तर्क रखे।
इस दौरान कुछ अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर में भी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। तमाम दलीलों और अन्य आरोपितों के पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। वहीं मुख्य आरोपी सुधीर दास उर्फ बनी का 5 दिन का रिमांड पुलिस को दिया है।
यह था मामला…
धार महाराज द्वारा सन् 1895 में लीज पत्र के माध्यम से जनकल्याण कार्य गतिविधियों के संचालन हेतु ईसाई समाज को धार शहर के मगजपुरा क्षेत्र के सर्वे क्रमांक 29 की भूमि दी गई थी। इसमें व्यवस्थापक के तौर पर डॉ रत्नाकर दास काबिज थे। इसके संचालन के लिए बकायदा समिति बनी थी। मुख्य संचालनकर्ता के तौर पर डॉ दास के बाद उनकी पत्नी ईला पीटरदास संचालक बनी।
ईला के संचालक बनने के बाद उनके बेटे सुधीर दास उर्फ बनी ने अपनी पत्नी शालिनी दास के साथ मिलकर जमीन के मालिक के तौर पर अन्य लोगों को जमीन बैचना शुरु कर दी। मुख्य मार्ग की करीब 200 करोड़ की जमीन को अलग-अलग लोगों को बैच दिया।
इसमें इनके साथ क्रय-विक्रय और दस्तावेज खरीदी सहित संपत्ति खरीदी में तीन अन्य लोग मुख्य षड़यंत्रकर्ता के तौर पर शामिल रहे। इस मामले में शिकायत के बाद कार्रवाई की गई है। यहां पर वर्तमान में एक शॉपिंग मॉल बनाने की तैयारी की जा रही है। वहीं करीब 28 लोगों ने बड़े-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना लिए है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की