धार। धार जिले के कुख्यात सटोरियों द्वारा धार जिले में जुए-सट्टे का संचालन किया जा रहा है जिसमें बेखौफ होकर यह सटोरिये ग्रामीण क्षेत्रों में अपने जुए की टेबल का संचालन करते दिखाई दे रहे हैं।
इसकी जानकारी हर उस जिम्मेदार को है जिनको यह जानकारी होनी चाहिए, लेकिन अफसोस ऐसे अपराधियों के कृत्य पर दबिश नहीं दी जाती और ऐसे कुख्यात सटोरिये अपने अवैध धंधे को बेखोफ संचालित करते हैं।
इस धंधे से जुड़े सूत्रों से जो खबर मिली है वो हैरान कर देने वाली है। इस खबर को सुनकर आपको लगेगा कि आप किसी फिल्म या वेब सीरीज की कहानी पढ़ रहे हैं, लेकिन यह कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत में घटी घटना है और इसकी आधिकारिक शिकायत तक नहीं दर्ज हुई है।
शनिवार की रात को घटी इस घटना के बारे में संवाददाता को गुप्त सूत्रों ने बताया है। यहां एक ऐसा अपराध घटित हुआ है जिसकी जानकारी क्षेत्र के हर उस शख्स को है, जो इस धंधे से जुड़ा हुआ है, लेकिन उस अपराध के घटित होने के बाद अभी तक कोई प्रकरण नहीं दर्ज हुआ तो ऐसा क्यों?
इसका कारण यह है कि राजनीतिक संरक्षण में अवैध धंधे में सबसे ज्यादा मुनाफाखोरी का धंधा जुए की टेबल है जिस पर ताश के पत्तों पर हार-जीत के दांव लगाकर खिलाड़ियों की टीम लाखों रुपये की हार-जीत कर लेती है।
इस दौरान नाल के रूप में अवैध धन कमाया जाता है, जिसे अवैध रूप से कमाई करने वाले अपने राजनीतिक आकाओं एवं उन्हें संरक्षण देने वाले हर उस जिम्मेदार को उस कमाई का हिस्सा पहुंचा देते हैं जो कि लाखों में होती है।
शनिवार की रात राजगढ़ थाना क्षेत्र के पिपरानी में एक खेत पर राजगढ़ के कुख्यात सटोरिये जगदीश हड्डा द्वारा संचालित किए जा रहे जुए के टेबल पर यह घटना हुई है।
कुख्यात सटोरिया हड्डा अपने खास सिपहसालार दादा दयालु के नाम से विख्यात शख्स के साथ रात के अंधेरे में जुआ के टेबल का संचालन कर रहा था। शनिवार होने की वजह से भीड़ ज्यादा थी क्योंकि इस दिन जुए खेलने वाले लोग रात भर दांव लगाते हैं।
जानकारी के मुताबिक, जुए के टेबल पर लगभग 50 लोग मौजूद थे। रात 10 बजे के बाद टेबल पर खेल शुरू हुआ और 11 बजे तक खेल सुचारू रूप से संचालित होता रहा, लेकिन अचानक 11 बजे के बाद वहां पर दर्जनों हथियारबंद बदमाशों ने धावा बोल दिया और टेबल पर मौजूद अधिकांश खिलाड़ियों से नगदी, सोना और मोबाइल लूट लिए। इतना ही नहीं इन लोगों के साथ हथियारबंद बदमाशों ने जमकर मारपीट भी की।
सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि घटना 40 लोगों के साथ हुई है जिनमें से अधिकांश के पास लाखों रुपये थे जो कि उक्त घटना के बाद लूट लिए गए।
अवैध धंधे की प्रतिस्पर्धा इस लूट का कारण तो नहीं –
राजगढ़ क्षेत्र शुरू से ही अवैध धंधों का गढ़ रहा है जहां पर जुए के अड्डों को संचालित करने वाले कई कुख्यात सटोरिये धार जिले के बाहर भी अपना नाम इस धंधे में कमाकर थानों से प्रमाण-पत्र प्राप्त कर चुके हैं।
सूत्र द्वारा यह बताया जा रहा है कि राजगढ़ के ही कुछ अन्य सटोरिया टेबल के संचालन का सपना सजा रहे थे, लेकिन उक्त टेबल के संचालन के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। बताया जा रहा है कि उक्त घटना में यह भी एक कारण हो सकता है।
किसी हारे हुए द्वारा भी घटना को अंजाम दिए जाने का कयास –
अधिकांश क्षेत्र में संचालित जुए की टेबल हार-जीत का खेल तो होता रहता है, लेकिन कई बार लगातार हार होना भी ऐसे अपराधों का होने का कारण बनता है। ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि किसी हारे हुए शख्स द्वारा उक्त घटना को अंजाम दिया गया हो।
चूंकि ऐसे अवैध धंधों में सबसे बड़ी मजबूरी यह होती है कि ऐसे अपराध घटित होने के बाद उक्त अपराध के लिए कोई थाने जा नहीं सकता और हुआ भी ऐसा ही कुछ है।