घाटाबिल्लौद गोलीकांड में पूर्व विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम सहित तीन को जबलपुर हाईकोर्ट ने दी जमानत


एमपी एमएलए कोर्ट बालमुकुंद सिंह गौतम, जिला पंचायत सदस्य मनोज सिंह गौतम, राकेश सिंह गौतम, पंकज गौतम, पम्मू गौतम और कांग्रेस नेता राजेश पटेल को 7-7 साल की सजा सुनाई थी


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

घाटाबिल्लौद गोली कांड में सजा काट रहे पूर्व विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम सहित तीन अन्य लोगों को जबलपुर हाईकोर्ट ने जमानत दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को भी स्थगित कर दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने 1 लाख की जमानत राशि पर रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के बाद पूर्व विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम और भतीजे पंकज गौतम व पम्मू गौतम जेल से रिहा होंगे।

दरअसल इंदौर की एमपी एमएलए कोर्ट बालमुकुंद सिंह गौतम, जिला पंचायत सदस्य मनोज सिंह गौतम, राकेश सिंह गौतम, पंकज गौतम, पम्मू गौतम और कांग्रेस नेता राजेश पटेल को 7-7 साल की सजा सुनाई थी। उनके वकील द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में इस सजा को चुनौती दी गई थी।

जबलपुर हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत : जबलपुर हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट का भी केस में उल्लेख किया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने यह भी माना है कि घायल सुरेश के शरीर पर बंदूक से फायर के निशान नहीं है। इसी गन शॉट का जिक्र करते हुए बालमुकुंद सिंह गौतम सहित अन्य को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7- 7 साल की सजा सुनाई थी। बालमुकुंद सिंह गौतम के वकील द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन भी दी गई है। इसमें कैसे जुड़ी सजा को खत्म करने की मांग की गई है। कोर्ट ने वकील द्वारा दी गई एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया है, इस पर भी कोर्ट सुनवाई करेगा।

घटना दिनांक 02 जून 2017 को धार व इंदौर जिले की बॉर्डर घाटाबिल्लोद क्षेत्र में दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। सबसे पहली रिपोर्ट कांग्रेस नेता बालमुकुंदसिंह गौतम की और से दर्ज करवाई गई थी। जिसमें बताया कि बेटमा क्षेत्र में मान के कार्यक्रम से लौट रह थे, तभी पेट्रोल पंप के पास आरोपी चंदन पिता देवी सिंह ने आकर विवाद किया व 5 से 6 फायर किए थे। जिसमें दो फायर पिंटू जायसवाल व बबलु चौधरी को लगे थे, हालांकि बाद में बबलु की मौत हो गई थी।

मृतक बबलू गौतम का कट्टर समर्थक माना जाता था, धार से पार्षद का चुनाव भी कांग्रेस की और से लड चुका था। ऐसे में समर्थक की मौत के कारण कांग्रेस नेता गौतम बहुत आहत हुए थे। जिला पंचायत सदस्य इंदौर चंदनसिंह, समंदर, घनश्याम, महेंद्र, राहुल, रघुनाथ, अर्जुन सहित अन्य पर प्रकरण दर्ज करवाया था। जिसमें बाद में हत्या की धारा बढ गई थी।



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