पहल: बच्चों में पढ़ने की आदत डालेगी स्कूलों की मिनी लाइब्रेरी, इतिहास-संस्कृति से करवाएगी रूबरू


राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और भारतीय भाषा संस्थान द्वारा हर साल उपलब्ध करवाई जा रही हैं किताबें।


आशीष यादव
धार Published On :
dhar book library

धार। धार जिले में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए स्कूलों में लाइब्रेरी की सुविधा शुरू की गई थी। गत वर्ष से स्कूलों में मिनी लाइब्रेरी स्थापित है, लेकिन इसमें अब हर साल किताबों का भंडार बढ़ाया जाएगा। जहां उन्हें हर सप्ताह एक किताबें पढ़ने के लिए दी जाएगी।

इन किताबों से देश के इतिहास, संस्कृति, भूगोल और राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय जानकारियां बच्चों को मिलेगी। सरकार का मकसद इन पुस्तकालयों के माध्यम से बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करना है।

धार जिले के प्रत्येक सरकारी स्कूल में इन लाइब्रेरी को तैयार किया जा चुका है। पुस्तकों के आवंटन के लिए विकासखंड स्तर पर एक समन्वयक को भी अधिकृत किया गया है।

धार जिला आदिवासी बाहुल्य है जिसके कारण यहां शिक्षा का स्तर अन्य जिलों की तुलना में कमजोर है। स्कूल शिक्षा विभाग की इस पहल का धार जिले के आदिवासी क्षेत्रों को फायदा मिलेगा।

भारत सरकार की शासकीय संस्थाएं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास यानी एनजीटी व भारतीय भाषा संस्थान सीआईएल से जिले के स्कूलों में किताबें उपलब्ध कराई जा रही है।

कमल सिंह ठाकुर ने बताया कि शुरुआत के तौर पर जिले के 3 हजार 88 प्राइमरी स्कूलों में से 116 व 853 मिडिल स्कूलों में 151 अलग-अलग विषयों पर आधारित पुस्तकें उपलब्ध करवाई गई हैं।

इसमें प्राथमिक विद्यालय के लिए 215 और माध्यमिक विद्यालय के लिए 400 किताबें स्कूलों में पहुंच चुकीं हैं। इन किताबों को हर वर्ष सत्र के अनुसार अपग्रेड भी किया जाएगा।

प्राथमिक विद्यालयों को सत्र 2020-21 की 116 किताबें उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की 105 व भारतीय भाषा संस्थान की 11 पुस्तकें शामिल की गई हैं।

इसी तरह सत्र 2021-22 की 99 पुस्तकें स्कूल को उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसमें एनजीटी की 29 व सीआइएल की 70 पुस्तक होंगी। माध्यमिक विद्यालय को सत्र 2020-21 की कुल 150 पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इसमें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की 109 और भारतीय भाषा संस्थान की 41 पुस्तकें होंगी। सत्र 2021-22 के लिए 250 पुस्तकें दी जा रही हैं, इसमें एनजीटी की 209 और सीआइएल 41 पुस्तकें शामिल हैं।

सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी दुलीचंद सेते ने बताया कि

इन लाइब्रेरी को विकसित करने का मकसद बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना है ताकि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ सामान्य ज्ञान की भी जानकारी हो व उनका ज्ञान भी बढ़े। हर साल इन लाइब्रेरी को अपग्रेड किया जाएगा।


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