बहुप्रतीक्षित इंदौर दाहोद रेल परियोजना का काम अब तेजी से चल रहा है। वर्ष 2024 तक धार तक रेल चलाने का टारगेट सेट कर दिया गया है। 2024 तक धार तक हर हाल में योजना पूरी करने के लक्ष्य देने से रेलवे का काम को रफ्तार मिल गई है। सुरंग में ब्लास्टिंग जारी है। करीब 400 करोड़ की लागत से इंदौर-दाहोद रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे को आठ जगह विभिन्न महत्वपूर्ण मार्गों पर रेल ओवरब्रिज बनाने होंगे। इनमें से सात फ्लायओवर अकेले टीही से धार के बीच बनेंगे, जबकि एक मप्र-गुजरात सीमा के पास बनेगा। इसमें पीथमपुर के सागौर में दो और एक भाटखेड़ी में ओवरब्रिज बनेगा।
आठों ओवर ब्रिज का निर्माण नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, पीडब्ल्यूडी, मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, नगर पालिका और मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की सडक़ों पर बनेंगे। इसमें सागौर गांव की रोड़ नगर पालिका पीथमपुर, सागौर नेट्रिप की रोड़ एमपीआईडीसी, भाटखेड़ी-पीथमपुर रोड़ पीडब्ल्यूडी विभाग में आती हैं। सागौर नेट्रिप रोड और भाटखेड़ी -पीथमपुर रोड़ पर टू लेन और सागौर गांव रोड पर फोरलेन बनेगा। तीन में से दो ओवरब्रिज का ठेका रेलवे द्वारा सौंपा जा चुका है।
सर्वे के बाद चलेगा पता: हालांकि इसमें धार से झाबुआ के बीच का हिस्सा शामिल नहीं है। सितंबर तक आने वाली सर्वे रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कि उक्त हिस्से में कहां-कहां मुख्य सडक़ों पर रेल ओवरब्रिज बनाने की जरूरत है। स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे या अन्य विभागों की सडक़ें पहले से बनी हैं, वहां ओवरब्रिज का खर्च रेलवे को उठाना पड़ेगा। नियमानुसार जो विभाग काम बाद में करता है, उसे रेल ओवरब्रिज या फ्लायओवर बनाने का खर्च खुद उठाना पड़ता है। छोटा उदेपुर-धार रेल लाइन को धार के बजाय तिरला में इंदौर-दाहोद रेल लाइन से जोड़ा जाएगा।
बारिश के कारण धीमा था निर्माण कार्यः निर्माण ठेकेदार कंपनी द्वारा खोदाई के लिए ब्लास्टिंग का कार्य बारिश के बीच किया गया था। गौरतलब है कि इंदौर-दाहोद रेल रूट पर इंदौर से टीही तक कोरोना काल से पहले ही रेलवे लाइन बिछाई जा चुकी है। इस पश्चिम रेलवे को इस रूट के निर्माण की राशि आने के बाद फिर से निर्माण कार्य शुरू हुआ है। इसमें टीही के आगे धार तक नई लाइन बिछाने के लिए अर्थवर्क पूरा कर सीमेंट के पोल बिछाए जा रहे हैं ताकि जल्द ही इस रूट को पूरा किया जा सके।
रेल परियोजना एक नजर में
● इंदौर-दाहोद रेल परियोजना की लागत 1640 करोड़ रुपए आंकी गई है। हालांकि अब इसकी लागत और भी अधिक हो गई है।
● मार्च 2020 तक इस रेल परियोजना के तहत करीब 740 करोड़ रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं।
● रेल परियोजना की लंबाई करीब 205 किलोमीटर है।
● 2020 में वर्ष के लिए बजट में 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
● 2021 में मात्र 20 करोड़ 2022 में 265 करोड़ मिले थे। 2023 में 450 करोड़ रुपए मिले हैं।
यह काम है निर्माणाधीन
● पश्चिमी रेलवे बोर्ड अधिकारी के अनुसार मार्च से अप्रैल के बीच लगाए 522 करोड़ के टेंडर का काम एक साथ चलेंगे। साथ ही टीही टनल से लगाकर पुल-पुलिया बनेगी।
● रेलवे बोर्ड ने टीही से गुणावद तक 32 किमी में पटरी बिछाने के लिए 143 करोड़ का पहला टेंडर लगाया था, जो ठेकेदार को 15 माह में पूरा करना है।
● खरमौर अभ्यारण्य के आगे जमीन अधिग्रहण के लिए 7.5 करोड़ की प्रक्रिया जारी है।
● पीथमपुर में बन रही टनल का 2.9 किमी का काम 132 करोड़ में पूरा होगा। इसके लिए भी 15 माह की टाइम लिमिट तय है।
● इसके अतिरिक्त टीही से धार के आगे तिरला तक बिजली लाइन के लिए 128 करोड़ खर्च कर काम होगा। जबकि पीथमपुर, सुलावड़, गुणावद धार और तिरला में स्टेशन के लिए भी प्रक्रिया जारी है।
प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। टीही से धार तक सात रेलवे ओवरब्रिज बनेंगे। दो ओवरब्रिज के ठेके हो चुके है। इंदौर-दाहोद रेलवे लाइन का काम 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। खेमराज मीणा, पीआरओ रेलवे