इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर किसानों का चक्काजाम का प्रयास, BKU के 10 कार्यकर्ता गिरफ्तार


धार जिले में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर चक्काजाम का प्रयास किया। 10 कार्यकर्ता गिरफ्तार, प्रशासन ने हाईवे पर यातायात सुचारू रखा।


आशीष यादव
धार Published On :

मध्य प्रदेश के धार जिले में गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम का प्रयास किया। प्रदर्शन ग्राम धुलेट में हुआ, जहां भाकियू के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राकेश सोलंकी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान राजमार्ग पर एकत्र हुए। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर आक्रोशित थे और सड़क पर बैठकर जोरदार नारेबाजी करने लगे। किसानों का कहना था कि उन्होंने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन उनकी मांगें अनसुनी की जा रही हैं।

दोपहर करीब 2 बजे शुरू हुए इस प्रदर्शन के दौरान, किसानों ने राजमार्ग जाम करने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी फसल नुकसान के मुआवजे, बिजली दरों में कमी और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी जैसी मांगें उठा रहे थे। इनका कहना था कि प्रशासन से बार-बार संपर्क करने के बावजूद उनकी समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

प्रशासन की कार्रवाई और गिरफ्तारी

किसानों की चक्काजाम की योजना की जानकारी पहले से ही प्रशासन को थी, जिसके चलते भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया था। राजगढ़, सरदारपुर, अमझेरा और राजोद थानों के पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया था। पुलिस और प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। सरदारपुर एसडीओपी विश्वदीप सिंह परिहार और तहसीलदार मुकेश बामनिया ने किसानों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की। लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे और चक्काजाम करने की कोशिश करने लगे।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। भाकियू जिलाध्यक्ष राकेश सोलंकी समेत 10 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को पहले राजगढ़ थाने ले जाया और बाद में उन्हें जेल भेज दिया। इस कार्रवाई के कारण राजमार्ग पर यातायात प्रभावित नहीं हुआ और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही। चक्काजाम की खबर के चलते पुलिस प्रशासन पहले से ही सतर्क था। ग्राम धुलेट में पुलिस बल को बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। चार थानों से मंगाए गए पुलिस बल के अलावा, एसडीएम आशा परमार, राजगढ़ टीआई दीपक सिंह, अमझेरा टीआई रविंद्र बारिया, और राजोद टीआई हिरू सिंह रावत जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने और स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए यह प्रबंधन प्रभावी साबित हुआ।

किसान नेताओं की गिरफ्तारी

गिरफ्तार किए गए किसानों में भाकियू के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राकेश पिता शंकरलाल सोलंकी, राजेश पिता चंपालाल, जगदीश पिता मांगीलाल, भरत पिता शंकरलाल, रवि पिता रणछोड़, रमेश पिता जामसिंह, मोहब्बत पिता भावसिंह, फूलसिंह पिता मोहब्बतसिंह, प्यारसिंह पिता मोहब्बतसिंह और जसवंत पिता नरसिंह शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इन किसानों ने चक्काजाम के लिए पहले अनुमति मांगी थी। हालांकि, एसडीएम ने केवल शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी थी।

किसानों की प्रमुख मांगें

प्रदर्शन के दौरान किसान अपनी कई पुरानी मांगों को दोहरा रहे थे। इनमें फसल नुकसान का मुआवजा, बिजली दरों में कमी और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी जैसी मांगे शामिल थीं। किसान नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। किसानों ने यह भी कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, वे अपने आंदोलन जारी रखेंगे। धार जिले में किसानों के प्रदर्शन और प्रशासन के बीच टकराव का यह पहला मामला नहीं है। पहले भी इस क्षेत्र में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किए हैं। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि राजमार्ग पर चक्काजाम जैसी गतिविधियां आम जनता के लिए असुविधाजनक हो सकती हैं, खासकर जब यह मार्ग महत्वपूर्ण यातायात का केंद्र है।

 प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रखें और राजमार्ग जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जाम लगाकर आम जनता को परेशान न करें। फिलहाल गिरफ्तार किए गए किसानों को लेकर पुलिस और प्रशासन की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है।





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