मांडू को दिया जा रहा है एक नया आर्कषण, संस्कृति को करीब से जानने का मौका


होम स्टे योजना अंतर्गत चिन्हित सभी भवन स्थानीय आदिवासियों के रहेंगें लेकिन भवन का लेआउट प्रशासन तय करेगा। जिसमें हितग्राही के मकान में कुछ एक छोटे-मोटे बदलाव देकर बदला जाएगा। इसे गुजरात के आर्किटेक्ट तैयार कर रहे हैं।  


आशीष यादव
धार Updated On :

धार। आनेवाले दिनों में मांडू में पर्यटकों को कुछ और भी नया देखने को मिलेगा। धार जिला प्रशासन होम स्टे योजना के अंतर्गत जल्द ही मांडू से सटे मालीपुरा एवं अन्य गांवों में चिन्हित लगभग 70 ग्रामीणों के घरों को होटलों में तब्दील करने जा रहा है। जिला प्रशासन का यह आईडिया लोकल फॉर वोकल और आत्म निर्भर मध्यप्रदेश जैसे अभियानों का हिस्सा है। जिसके सफल होने की संभावना काफी ज्यादा है।

ये होटल पूरी तरह आदिवासी समाज की सांस्कृति के रुप में बनाए जाएंगे।  इन घरों में पर्यटक रुकेंगे और यहां की आदिवासी संस्कृति को समझेंगे।  प्रशासन ऐसी भी व्यवस्था कर रहा है जिसमें पर्यटकों को यहां स्वच्छ वातावरण में बना भोजन भी मिलेगा। यह भोजन भी आदिवासी संस्कृति से जुड़ा हुआ होगा। इसके अलावा वे तमाम दूसरी सुविधाएं भी दी जा सकेंगी।

भवन आदिवासी का, ट्रेनिंग प्रशासन की: होम स्टे योजना अंतर्गत चिन्हित सभी भवन स्थानीय आदिवासियों के रहेंगें लेकिन भवन का लेआउट प्रशासन तय करेगा। जिसमें हितग्राही के मकान में कुछ एक छोटे-मोटे बदलाव देकर बदला जाएगा। इसे गुजरात के आर्किटेक्ट तैयार कर रहे हैं।

इसके अलावा अन्य जरूरी सुविधाएं जैसे साफ-सुथरे बिस्तर, स्वच्छ पानी साथ ही  शौचालय की भी व्यवस्था रखना होगी। इसी के साथ आदिवासी एवं उसके परिवार को पर्यटकों को किस तरह से  व्यवहार करना है इसकी उन्हें व्यवस्थित ट्रेंनिंग भी दी जाएगी। प्रशासन ने यह ट्रेंनिंग शुरु भी कर दी है।

स्वालंबी बनेगा आदिवासी और बढ़ेगा पर्यटन: होम स्टे योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय आदिवासीयों को काम दिलवाकर स्वालंबी बनाना भी है। इस योजना से भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों को इस मालवा क्षेत्र की आदिवासी  संस्कृति से जुड़ने का भी मौका मिलेगा।  क्षेत्र में  रोजगार के साधन काफी कम हैं  ऐसे में यह योजना यदि सफल होती है तो यहां प्रशासन के लिये बड़ी सफलता साबित होगी। जिसे प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी दोहराया जा सकेगा।

प्रशासन को उम्मीद है कि इन होटलों को देखने और ठहरने के लिये बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे। बाजबहादुर और रानी रुपमती की नगरी मांडू में पहले ही बड़ी संख्या में पर्यटकों की अगवानी करता है और अब इस नए प्रयोग के साथ यहां के प्रति लोगों का आर्कषण और भी बढ़ेगा। इंदौर संभाग में पर्यटन की गतिविधियां लगभग हमेशा ही जारी रहती हैं  ऐसे में उम्मीद है कि इस योजना से जुड़े आदिवासियों को भी लाभ मिलेगा।

कैबिनेट की बैठक के बाद आएगी काम में गति: प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इस संबंधित कुछ अनुमति के बाद हितग्राहियों को आंशिक आर्थिक मदद दी जा सकेगी। जो कि अगले सप्ताह के अंत तक मिल जाएगी। प्रदेश सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर आर्किटेक्ट एजेंसी गुजरात की है जो स्थानीय प्रशासन की देखरेख में काम कर रही है। एक अन्य स्थानीय  एजेंसी ग्रामीण हितग्राहियों से प्रशासनिक जुड़ाव का काम करेगी।

 इस योजना से हमारा प्रयास रहेगा कि स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिले। साथ ही पर्यटकों को यहां के कल्चर से जुड़ने का मौका भी मिले। इसी प्रकार के प्रयासों से यहां के मजदूरों का माइग्रेशन भी कम होगा।
आलोक कुमार सिंह, कलेक्टर, धार


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