धार: अवैध खनन पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, तीन पोकलेन मशीनें जब्त


धार के खरौद क्षेत्र में वर्षों से जारी अवैध खनन पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तीन पोकलेन मशीनें जब्त कीं। जानें कैसे खनन माफिया अब तक बचते रहे।


आशीष यादव
धार Published On :

धार जिले के खरौद और उसके आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से चल रहे अवैध खनन पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। प्रशासनिक टीम ने तीन पोकलेन मशीनों को मौके पर जब्त कर नौगांव थाने में खड़ा कराया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के निरीक्षण दौरे के दौरान एसडीएम और तहसीलदार की मौजूदगी में की गई। खनिज विभाग की शिकायत पर यह कदम उठाया गया, जिससे क्षेत्र में अवैध खनन पर लगाम लगाने की उम्मीद बढ़ी है।

पहाड़ी का सीना छलनी, फिर भी कार्रवाई में ढिलाई

खरौद और तीसगांव के आसपास के क्षेत्रों में पहाड़ी का लगातार खनन माफियाओं द्वारा दोहन किया जा रहा है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह मुरम खनन पिछले कई सालों से हो रहा था। आरोप है कि खुद को नेताओं का समर्थक बताकर खनन माफिया अवैध खनन को अंजाम दे रहे थे। पूर्व में खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए लाखों का जुर्माना लगाया गया था और पोकलेन व डंपर जब्त किए गए थे। इसके बावजूद खनन माफिया ने दुगने उत्साह के साथ अवैध खुदाई शुरू कर दी।

शिकायतों के बाद प्रशासन हरकत में

खनिज विभाग और प्रशासन को लंबे समय से इन खनन गतिविधियों की शिकायतें मिल रही थीं। जब मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के निरीक्षण के दौरान एसडीएम और तहसीलदार की नजर खनन गतिविधियों पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत खनिज विभाग को सूचना दी। इसके बाद खनिज विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और तीन पोकलेन मशीनें जब्त कर लीं।

जमीन में खदानें बनीं, दुर्घटनाओं का खतरा

अवैध खनन के कारण पहाड़ी क्षेत्र की समतल जमीन अब गहरे गड्ढों में बदल गई है। यह स्थिति न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आसपास के लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है। सड़क किनारे इन गड्ढों के कारण हादसों का खतरा बढ़ गया है।

खनन माफिया के खिलाफ सख्त कदम

खनिज विभाग के अधिकारी जे.एस. भिड़े ने बताया कि कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए तीन हुंडई पोकलेन मशीनें जब्त की गईं। जब्त की गई मशीनों के मालिकों और चालकों पर मध्य प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के तहत अर्थदंड लगाया जाएगा।

नेताओं का संरक्षण अवैध खनन का कारण

सूत्रों के अनुसार, अवैध खनन गतिविधियों को स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। हर बार जब खनिज विभाग या प्रशासन कार्रवाई करता है, तो नेताओं के फोन आने शुरू हो जाते हैं। इससे अधिकारियों पर दबाव बनता है और कार्रवाई अधूरी रह जाती है।

प्रशासन की चुनौती: क्या इस बार रुकेगा अवैध खनन?

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन की यह कार्रवाई कितनी प्रभावी साबित होती है। क्या इस बार अवैध खनन पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सकेगी, या फिर पहले की तरह इतिश्री कर दी जाएगी? जनता और प्रशासन दोनों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है।


Related





Exit mobile version