जंगलों में अवैध कटाई से वन्य जीवों की समस्याएं, ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहीं घटनाएं


धार जिले में जंगलों की अवैध कटाई और पानी की कमी से वन्य जीव आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। तेंदुए समेत कई जानवरों का रेस्क्यू किया गया है, लेकिन वन विभाग की लापरवाही से हालात बिगड़ रहे हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

जंगलों में बढ़ती अवैध कटाई और पानी की कमी ने वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक आवास से विस्थापित कर दिया है। धार जिले के गंधवानी, बाग, मांडू, कुक्षी, सरदारपुर और अन्य क्षेत्रों में अवैध कटाई और अतिक्रमण के चलते जंगल का क्षेत्र लगातार घट रहा है। इसके परिणामस्वरूप जंगली जानवर भोजन और पानी की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। तेंदुआ, चीतल, लोमड़ी, नीलगाय, जंगली सूअर जैसे वन्य जीव ग्रामीण इलाकों और खेतों तक पहुंच रहे हैं, जिससे किसानों और ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

चार साल में 32 तेंदुओं का रेस्क्यू

वन विभाग के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 32 तेंदुओं का रेस्क्यू किया गया है। जिले में हर महीने तीन से चार स्थानों पर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जहां जंगली जानवर आबादी के पास देखे जाते हैं। हाल ही में गंधवानी और निसरपुर के पास दो मादा तेंदुओं का रेस्क्यू किया गया। हालांकि, इस समस्या का समाधान करने के लिए विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

जंगलों में कटाई और वन्य जीवों का खतरा

जंगल माफियाओं के कारण धार जिले के मांडू, उमरबन, मनावर, गंधवानी और अन्य इलाकों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। विभागीय लापरवाही से यह समस्या और बढ़ गई है। वन विभाग के अधिकारियों को जंगलों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण वन क्षेत्र पर अतिक्रमण हो रहा है।

वन्य जीवों की मौत और घटनाएं

पिछले वर्ष में तेंदुए और अन्य वन्य जीवों की मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं। 27 नवंबर को बाग के ग्राम बावडिया में एक तेंदुए की करंट लगने से मौत हो गई थी। 3 दिसंबर को गणपति घाट की नई सड़क पर एक तेंदुआ वाहन की टक्कर से मारा गया। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन इन पर रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।

वन विभाग को सतर्कता की आवश्यकता

वन विभाग को जंगलों की कटाई और अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। साथ ही, वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए बेहतर योजनाएं बनानी होंगी। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो जंगल और वन्य जीवन दोनों को गंभीर नुकसान उठाना पड़ेगा।

जंगल बचाने की अपील

जंगल और वन्य जीवन की रक्षा केवल वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। सभी नागरिकों को भी इस दिशा में अपना योगदान देना चाहिए। पेड़ों की कटाई रोकने, अवैध शिकार पर रोक लगाने और जंगल के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।