मांडू से सटे ग्राम सुलीबयड़ी में एक होटल व्यवसायी द्वारा अवैध कब्जा कर निर्माण करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि होटल व्यवसायी ने स्कूल और ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा कर वहां निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, स्कूल का शौचालय और स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनी कंपोस्ट पिट को भी तोड़ दिया गया है।
अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश
ग्राम पंचायत सुलीबयड़ी के सचिव खुमान सिंह और सरपंच प्रेम सिंह डावर की लिखित शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार अधिकारियों को फोन करने के बावजूद वे मौके पर नहीं पहुंचे, जबकि होटल व्यवसायी के फोन पर तुरंत पहुंच जाते हैं।
अहंकार में दबंग होटल व्यवसायी, पुलिस बल ने संभाली स्थिति
होटल व्यवसाय द्वारा जमीन पर अवैध कब्जे और निर्माण के खिलाफ ग्रामीण लामबंद हो गए और सैकड़ों ग्रामीण होटल परिसर में पहुंच गए। स्थिति को गंभीर होता देख मांडू और नालछा थाना प्रभारी राहुल चौहान और अभय नेमा मौके पर पहुंचे और कानून व्यवस्था संभाली। इसके बाद तहसीलदार ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया।
बिना अनुमति के निर्माण, पेसा एक्ट का उल्लंघन
ग्रामीणों ने होटल व्यवसायी मयंक अग्रवाल पर आरोप लगाया है कि उसने ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग की जमीन पर बिना अनुमति के निर्माण कार्य किया है। उन्होंने इसे पेसा एक्ट का उल्लंघन बताया और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
गांव की जल निकासी पर भी कब्जा, खतरे में स्कूल
ग्रामीणों का आक्रोश तब और बढ़ गया जब होटल व्यवसायी ने गांव के सबसे बड़े जल निकासी नाले को बंद कर वहां मोरम डलवा दी। इससे आने वाले बारिश के मौसम में नाले का पानी स्कूल में घुसने का खतरा है, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर संकट आ सकता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी?
नालछा तहसीलदार राहुल गायकवाड: “ग्रामीणों की शिकायत पर वस्तु स्थिति का निरीक्षण किया गया है। जनपद पंचायत नालछा सीईओ से चर्चा कर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
ग्राम पंचायत सरपंच प्रेम सिंह बघेल: “होटल व्यवसायी ने बिना अनुमति के निर्माण किए हैं। शौचालय और सड़क बनाने की अनुमति नहीं दी गई थी। विभागीय अधिकारियों को शिकायत की गई है।”
जनपद पंचायत सीईओ वसीम अहमद भट्ट: “मामले की जानकारी मिली है। मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे और अगर शासकीय संपत्ति को नुकसान हुआ है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।”
होटल व्यवसायी का पक्ष
होटल व्यवसायी योगेश अग्रवाल का कहना है कि वे पर्यटन विभाग की योजना के अनुरूप होटल और मैरिज गार्डन बना रहे हैं। उनका दावा है कि सरकारी जमीन पर कोई कब्जा नहीं किया गया है और जो भी अनुमति लेना जरूरी था, वह उनके पास है। उन्होंने कहा कि पुराने शौचालय की मरम्मत करवा रहे हैं और इसके लिए लिखित में आवेदन दे दिया गया है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने खुले तौर पर होटल व्यवसायी को चेतावनी दी है और 30 सितंबर को होने वाले धरना प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की बात कही है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने अधिकारों और ग्राम की संपत्ति की रक्षा के लिए पूरी तरह से संघर्ष करेंगे।