फ्री बोल गैस कनेक्शन दिए, खाते से कट रही राशि; दाम बढ़ने से फिर चूल्हा फूंकने को मजबूर गरीब महिलाएं


घरेलू सिलेंडर के रेट दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं और योजना के तहत दिए गए गैस सिलेंडर केवल गरीबों के घरों के कोने में रखे हुए हैं। पहले की तरह महिलाएं फिर से मिट्टी के चूल्हों पर ही लकड़ी जलाकर खाना पकाने को मजबूर हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :
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धार/गुजरी। उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को फ्री गैस सिलेंडर के कनेक्शन दिए गए थे, ताकि वह आसानी से खाना बना सकें और पूरा दिन कच्चे चूल्हे से निकलने वाले धुएं से होने वाली बीमारियों से बच सकें।

लेकिन, वर्तमान क्षेत्र में हालात उलटे हैं। घरेलू सिलेंडर के रेट दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं और योजना के तहत दिए गए गैस सिलेंडर केवल गरीबों के घरों के कोने में रखे हुए हैं।
पहले की तरह महिलाएं फिर से मिट्टी के चूल्हों पर ही लकड़ी जलाकर खाना पकाने को मजबूर हैं। गुजरी क्षेत्र में तकरीबन 1000 महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत कनेक्शन बांटे गए हैं।

एक नजर इधर भी –

गैस सिलेंडर – 1250 रुपये
गैस चूल्हा – 990 रुपये
रेगुलेटर – 150 रुपये
गैस पाइप – 100 रुपये

इनकी पीड़ा –

खेत मे मजदूरी करने वाली 60 वर्षीय कौशल्याबाई ने बताया कि वह पहले ही मजदूरी कर अपनी रोजी-रोटी बड़ी मुश्किल से चला रही हैं। केंद्र सरकार की तरफ से उज्ज्वला योजना के तहत मिले सिलेंडर के दाम अब बहुत ज्यादा बढ़ जाने से सिलेंडर भरवाना मुश्किल हो गया है। इसके चलते वह अब लकड़ी के चूल्हे पर रोटी बना रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह इन दामों में कटौती करें ताकि गरीब परिवार कम से कम इस योजना का लाभ तो ले सकें। अब सिलेंडर भरवाना बजट से बाहर है।

गृहिणी रजनीबाई ने बताया कि वह शुरू से ही मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाती आई थीं। करीब एक साल पहले सरकार की ओर से फ्री गैस कनेक्शन मिला था। पहले पीथमपुर की एक कंपनी में रोजाना काम पर जाती थी। लॉकडाउन के बाद गाड़ी बन्द होने से काम छूट गया। पहले एक-दो महीने उन्होंने किसी भी तरह सिलेंडर भरवा लिया, लेकिन लगातार दाम बढ़ने से अब सिलेंडर भरवा पाना मुश्किल होता जा रहा है जिस कारण फिर से चूल्हे पर ही खाना पकाने को मजबूर हैं।

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उज्ज्वला निःशुल्क लेकिन काटा जा रहा शुल्क –

मीराबाई सोलंकी ने बताया कि पहले तो निःशुल्क कहकर गैस सिलेंडर सिस्टम दिए। बाद में देखा कि बैंक खाता में सब्सिडी आने के बजाय काटी जा रही। डिस्ट्रीब्यूटर से पूछने पर बताया कि तुम्हें लोन के रूप में उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर ओर चूल्हा दिया गया है जिनकी राशि धीरे-धीरे काटी जाएगी। अब महंगे हुई गैस सिलेंडर कैसे खरीदें। लॉकडाउन के बाद से काम धंधे पटरी पर जो नहीं आए हैं। मेहनत-मजदूरी कर घर का गुजारा चल रहा है। गैस के दाम आए दिन बढ़ते जा रहे हैं। 848 रुपये में सिलेंडर मिलता है और सब्सिडी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ 20 से 25 रुपये मिल रहे हैं। वह भी काट लिए जा रहे हैं। सरकार ने अगर फ्री कनेक्शन दिए हैं तो कम से कम इनके दाम भी कम करने की तरफ ध्यान देना चाहिए। गैस रिफिल करवाना अब खर्च से बाहर है।

गैस के दाम इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि सिलेंडर भरवाने के लिए महिलाओं को जानकार से पैसे उधार लेने पड़ रहे हैं। सबसिडी कम कर दी गई है। अगर दाम बढ़ाए जा रहे हैं तो साथ ही सबसिडी भी बढ़ानी चाहिए ताकि आम लोगों को राहत मिल सके। अगर ऐसा ही चलता रहा तो फिर से हर किसी को मिट्टी के चूल्हे पर ही खाना बनाना पड़ेगा।

– सुरेश मूंदड़ा, कांग्रेस नेता

उज्ज्वला योजना के चलते गुजरी क्षेत्र में करीबन 500 महिलाओं को कनेक्शन बांटे गए हैं। वर्तमान में गैस सिलेंडर की खपत में कम हो गई है।

– सीमा संजीव गौसर, धामनोद इंडेन डिस्ट्रीब्यूटर

उज्ज्वला योजना के तहत गुजरी क्षेत्र में करीबन 400 महिलाओं को कनेक्शन बांटे गए हैं। कनेक्शन लोन के रूप में दिए गए थे। गैस सिलेंडर सहित अन्य सामग्री का अलग-अलग मूल्य है।

– अरुण बिल्लोरे, शगुन इंडेन डिस्ट्रीब्यूटर



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