शहर की वैध और अवैध संपत्तियों की गणना के लिए गूगल के माध्यम से GIS सर्वे पूरा कर लिया गया है। इस प्रक्रिया में शहर में कुल 26,746 संपत्तियों की पहचान की गई है। यह संख्या नगर पालिका के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज संपत्तियों से 8,666 अधिक है। ये संपत्तियां अब तक नगर पालिका के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थीं। इन संपत्तियों की जानकारी मिलने के बाद नगर पालिका ने डेटा का सत्यापन शुरू कर दिया है। शहर के 18 वार्डों में से 21,846 संपत्तियों का सत्यापन पूरा कर लिया गया है। शेष संपत्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
सत्यापन के दौरान शहरवासी भी अपनी संपत्तियों को लेकर दावे और आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
8,666 नई संपत्तियां दर्ज की गईं
सर्वेक्षण सैटेलाइट के माध्यम से मैप माय इंडिया, नई दिल्ली द्वारा किया गया। इस प्रक्रिया में शहर की प्रत्येक संपत्ति को गूगल मैप पर मैपिंग की गई और जीपीएस तकनीक से सत्यापन किया गया। इस सर्वे में सामने आईं 8,666 नई संपत्तियां नगर पालिका के रिकॉर्ड में शामिल नहीं थीं। नगर पालिका अधिकारी आरआई अरविंद डोड ने जानकारी दी कि सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है और सत्यापन जारी है। सत्यापन के बाद नई संपत्तियों को रिकॉर्ड में शामिल कर उन पर राजस्व वसूली की जाएगी।
सर्वेक्षण का उद्देश्य
सर्वेक्षण का प्रमुख उद्देश्य शहरी क्षेत्र की हर संपत्ति को रिकॉर्ड में लाना है। इसमें घरेलू, व्यावसायिक, कच्चे और पक्के निर्माण को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा। इससे संपत्ति कर में वृद्धि होने की संभावना है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सर्वेक्षण को 42 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
शहर के वार्डों में टीमों ने घर-घर जाकर 25 बिंदुओं पर जानकारी एकत्रित की, जिनमें शामिल हैं:
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीद
- नल और बिजली कनेक्शन
- प्रॉपर्टी का आकार
- व्यावसायिक और गैर-व्यावसायिक क्षेत्र
- किरायेदारों की जानकारी
टैक्स वसूली का विवरण
- चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य: ₹3.20 करोड़
- अब तक वसूली: ₹1.12 करोड़
- पुराना बकाया: ₹2.02 करोड़
- अब तक कुल वसूली: ₹93.28 लाख
GIS सर्वे के बाद स्थिति
- कुल संपत्तियां: 26,746
- सत्यापन पूरा: 21,846
- नगर पालिका रिकॉर्ड में दर्ज: 18,080
- व्यावसायिक संपत्तियां: 3,500
अन्य क्षेत्रों में भी जारी सर्वेक्षण
धार नगर पालिका के अलावा, राजगढ़, बदनावर, धरमपुरी, धामनोद, डही, मनावर, मांडू और पीथमपुर में भी इसी प्रकार का सर्वेक्षण चल रहा है।
विशेष रूप से, मांडू को विश्व धरोहर शहर बनाने के लिए जीआईएस मैपिंग अनिवार्य की गई है।
जीआईएस मैपिंग से लाभ
- सभी संपत्तियों की वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो गई है।
- नगर पालिका के सभी वार्डों में 100% जीआईएस आधारित संपत्ति सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।
- मैपिंग का डेटा और ड्राफ्ट रिपोर्ट नगर पालिका को सौंपा गया है।
यह सर्वेक्षण नगर पालिका को बेहतर प्रबंधन और कर संग्रह में मदद करेगा। साथ ही, अवैध संपत्तियों पर निगरानी रखने में भी सहायक होगा।