छात्रावास में बालिका की मौत: SDM-SDOP ने किया निरीक्षण, अनियमितता पर की कार्रवाई

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धार Published On :
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धार/सरदापुर। धार जिले के सरदारपुर तहसील के ग्राम पंचायत तिरला में संचालित कस्तूरबा कन्या छात्रावास में शुक्रवार सुबह एक लड़की की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई।

लड़की को सामुदायिक स्वास्थ्य सरदारपुर केंद्र पर लाया गया जहां डॉ. एमएल जैन द्वारा बालिका के शव का पोस्टमार्टम किया गया।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कुमारी वर्षा (11 वर्ष) पिता राकेश कक्षा छठी की छात्रा थी जो कस्तूरबा आश्रम तिरला में रहती थी। गुरुवार के दिन बालिका का स्वास्थ्य बिगड़ा और उसे बुखार आया। दूसरे दिन अलसुबह ही बालिका की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई।

घटना की जानकारी मिलते ही बालिका के परिजन आश्रम पहुंचे जहां से बालिका को सरदारपुर स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया जहां डॉक्टर द्वारा बालिका को मृत घोषित किया गया।

मामले में पुलिस प्रकरण दर्ज होने के दौरान पीएम की कार्रवाई की गई। इस दौरान मृतक का बिसरा जांच के लिए भेजा गया। बालिका की आकस्मिक रहस्यमयी मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया।

घटना की जानकारी मिलते ही सरदारपुर एसडीएम राहुल सिंह चौहान, एसडीओपी राम सिंह मेडा और बीईओ प्रमोद कुमार माथुर कस्तूरबा आश्रम पहुंचे।

यहां औचक निरीक्षण के दौरान आश्रम की छात्राओं से चर्चा कर खाद्य सामग्री का निरीक्षण किया गया जिसमें अनियमितता उजागर होने पर एसडीएम द्वारा आश्रम अधीक्षक रंजना वर्मा एवं सहायक अधीक्षक टैना खराड़ी को आश्रम से हटाने की कार्रवाई की गई।

इसके साथ ही मुख्यालय पर अनुपस्थित रहने के चलते अधीक्षका वर्मा के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु डीपीसी को प्रस्ताव भेजा गया है।

इस दौरान एसडीएम चौहान ने बीआरसी बूट सिंह भंवर व बीईओ प्रमोद कुमार माथुर को छात्रावास निरीक्षण नहीं किए जाने के मामले में शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

दरअसल गाइडलाइन के मुताबिक शासकीय आश्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के मासिक स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासकीय छात्रावासों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के स्वास्थ्य परीक्षण की वस्तुस्थिति जानने हेतु सीबीएमओ डॉ. शीला मुजाल्दा को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।

गौरतलब है कि सरदारपुर तहसील में लगभग 30 से 35 शासकीय छात्रावास संचालित हो रहे हैं किंतु जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते उक्त छात्रावासों का निरीक्षण नहीं होना व अध्यनरत छात्र-छात्राओं का शनिवार-रविवार अपने घरों में जाना जांच का विषय बना हुआ है।


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