गणेश चतुर्थी पर्व बस दो दिन दूर है, और मूर्तिकार अंतिम रूप में गणेश प्रतिमाओं को तैयार करने में व्यस्त हैं। इस बार की मांग में भगवान श्रीकृष्ण और शिव के अवतार वाली प्रतिमाओं की वृद्धि देखी जा रही है। मूर्तियों की महंगाई के बावजूद भक्तों में पूजा-अर्चना को लेकर गजब का उत्साह है।
मूर्तिकारों ने गणेश उत्सव के लिए मूर्तियों का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है, हालांकि कुछ मूर्तियों को अंतिम स्पर्श दिया जा रहा है। इस वर्ष छोटी मूर्तियों की मांग अधिक देखी जा रही है। कई श्रद्धालु गणेश की प्रतिमा 7 सितंबर को स्थापित करने के लिए पहले ही खरीद चुके हैं।
पारंपरिक मूर्तियों की बढ़ती मांग
मूर्तिकार नवीन डोड और विजय बोडाने के अनुसार, इस साल बाजार में लालबाग के राजा, पगड़ी वाले गणेश, हनुमानजी के अवतार वाली मूर्तियां, चिंतामण गणेश और शिव-पार्वती के साथ राम दरबार पर आधारित प्रतिमाओं की मांग बढ़ी है। बाजार में वीणा के साथ गणेश, विष्णु रूप और गरूड़ स्वरूप की मूर्तियां भी उपलब्ध हैं।
महंगाई का असर
इस बार महंगाई ने भी गणेश प्रतिमाओं को प्रभावित किया है। पीली मिट्टी, कपास और अन्य सामग्री के दामों में वृद्धि हुई है, जिससे मूर्तियों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। मूर्तिकार बताते हैं कि पीली मिट्टी और कपास मिलाकर मूर्तियों का निर्माण किया जाता है, और इन सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि ने लागत को बढ़ा दिया है।
पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त
पंडित अशोक शास्त्री के अनुसार, गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन गणेश का पूजन विभिन्न लाभों के लिए किया जाता है, जैसे कर्ज मुक्ति, व्यापार वृद्धि, शत्रु विनाश और सुख-शांति प्राप्ति। गणेश की पूजा सुबह 11:03 से दोपहर 1:34 बजे तक की जा सकती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी रहेगा, जो पूजा के लिए शुभ समय प्रदान करता है।
मूर्तियों की कीमतें
मूर्तियों की कीमतें उनके आकार के अनुसार इस प्रकार हैं:
– 6 इंच: 25 से 50 रुपये
– 1 फीट: 200 से 400 रुपये
– 2 फीट: 500 से 1100 रुपये
– 3 फीट: 2500 से 3500 रुपये
– 4 फीट: 4000 से 5000 रुपये
– 6 फीट: 4500 से 5500 रुपये
– 7 फीट: 6000 से 10000 रुपये
गणेश चतुर्थी के पर्व पर मूर्तियों की विविधता और महंगाई के बावजूद, भक्तों में उत्साह और श्रद्धा की कमी नहीं है। पूजा के लिए विभिन्न प्रतिमाओं की उपलब्धता से यह पर्व और भी खास बन गया है।