धार। बसंत पंचमी पर महाराजा भोज स्मृति बसंतोत्सव समिति द्वारा मां सरस्वती जन्मोत्सव शनिवार को धार में मनाया जा रहा है। सुबह यज्ञ के साथ चार दिवसीय आयोजन की शुरुआत हो गई है।
जिले भर के हिंदू समाज के लोग सुबह से ही बड़ी संख्या में दर्शन व पूजन के लिए भोजशाला पहुंच गए हैं। इस बार 988 वां जन्मोत्सव कार्यक्रम मनाया जा रहा है।
शहर के उदाजीराव चौराहा लालबाग से शोभायात्रा की शुरुआत हुई जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू समाज के युवा सहित अन्य लोग शामिल रहे।
10 बजे के बाद नगर के उदाजीराव चौराहा लालबाग से शोभायात्रा की शुरुआत हुई जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू समाज लोग और मातृशक्ति शामिल हुई। युवाओं में उत्साह देखने लायक था।
बड़े-बड़े भगवाध्वज हाथों में लिए डीजे की धुन पर थिरकते हुए युवा चल रहे थे। बग्गी में वाग्देवी माँ सरस्वती का तैलचित्र विराजित हो यात्रा की शोभा बढ़ा रहा था।
दूसरे रथ में मुख्यातिथि दिल्ली के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा भी विराजित हो शोभायात्रा में शामिल हुए। नगर के प्रमुख मार्गों से भ्रमण करते हुए डेढ घंटे में शोभायात्रा भोजशाला पहुंची।
दोपहर 12 बजे के बाद शोभायात्रा भोजशाला पहुची वाग्देवी माँ सरस्वती का तैलचित्र भोजशाला के गर्भगृह में स्थापित कर मुख्यातिथि और हिन्दू समाजजन ने मिल कर महाआरती की जिसके बाद मोतीबाग चौक में धर्मसभा हुई।
पुलिस छावनी बना शहर –
आयोजन को लेकर सुरक्षा दृष्टि से पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। करीब 600 की संख्या में पुलिस जवान सहित राजस्व विभाग का अमला भी डयूटी कर रहा है। धार शहर पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है।
नगर के सभी प्रमुख चौराहों पर पुलिस जवान मौजूद हैं। शहर की गलियों में बाइकर्स पुलिस सहित बाहरी हिस्से में पुलिस मोबाइल लगातार भ्रमण कर रही है। इसी तरह डीएसपी, टीआई, एसडीएम व तहसीलदार भी भोजशाला व परिसर में अपने फिक्स पाईंट पर मौजूद है।
शहरभर में स्वागत हुआ –
धर्मसभा को दिल्ली से आए पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने संबोधित किया। उन्होंने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें गुलामी का इतिहास पढ़ाया गया। फिर भी हम 500 साल तक यह नहीं भूले कि अयोध्या में राम मंदिर था और आज वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि ये तो निश्चित है कि भोजशाला में माँ सरस्वती का मंदिर भी पुनः बनेगा और लंदन से माँ की प्रतिमा भी पुनः आएगी। मैं आज ये आह्वान करने के लिए आया हूं कि हमें संगठित होने की आवश्यकता है।
15 अगस्त को देश आजाद हुआ पर हम भूल गए कि 14 अगस्त को बंटवारा हुआ था जिन्होंने धर्म के आधार पर बंटवारा करवाया था वो आज भी यही रह रहे हैं।
मैंने सन 2000 में दिल्ली के दंगे देखे हैं। 22 साल के युवा नेगी को जिंदा जलाया गया और पुलिस ऑफिसर को चाकुओं से गोद-गोद कर मारा गया।
माँ सरस्वती के उपासकों से कहना चाहता हूं कि अतिक्रमण के माध्यम से फिर से देश को बांटने का षडयंत्र चल रहा है। हम अब दुबारा ये अतिक्रमण ओर बांटने का षडयंत्र सफल नहीं होने देंगे।
उन्होंने नारा दिया कि हम कंकड़ पत्थर और अतिक्रमण को हटाना भी जानते हैं। अयोध्या और काशी तो झांकी है भोजशाला अभी बाकी है।
शोभायात्रा में शहरभर में जगह-जगह हर समाज के लोगों द्वारा मंच लगाकर चल समारोह मां वाग्देवी के चित्र पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। युवक-युवतियों द्वारा नाच-गाकर ध्वजा घुमाकर शोभायात्रा की शोभा बढ़ाई गई।
धर्मसभा के बाद वेदारम्भ संस्कार भी हुआ और सूर्यास्त के पूर्व यज्ञ हवन की पूर्णाहूति के साथ आरती कर कार्यक्रम का समापन हुआ।
पैदल घूम कर देख रहे थे व्यवस्था –
बसंत पंचमी पर आलाधिकारियों ने शहर भर में पैदल घूमकर ही व्यवस्था देखी। ग्रामीण डीआईजी चंदशेखर सोलंकी, एडीएम श्रृंगार श्रीवास्तव व एसपी रोहित कासवानी, एडिशनल एसपी देवेंद्र पाटीदार, एसडीएम नेहा शिवहरे, वीरेंद्र कटारे, तहसीलदार विनोद राठौड़, टीआई पाटीदार, कमलसिंह पवार, राजकुमार यादव, आनंद तिवारी, सीबी सिंह ने पैदल घूम कर व्यवस्था पर पैनी नजर बनाए हुए थे।