नरेंद्र मोदी एनडीए की सरकार के मुखिया के रूप में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाए गए हैं और इस बार मध्यप्रदेश से पांच सांसदों ने मंत्री के रूप में शपथ ली है। इनमें धार की सांसद सावित्री ठाकुर भी हैं। सावित्री ठाकुर को मंत्रिमंडल में लिए जाने पर आदिवासी क्षेत्र में बेहतर विकास होने की उम्मीद है। ठाकुर को कौन सा मंत्रालय मिलेगा यह फिलहाल तय नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर इसका लाभ धार को मिलेगा।
ठाकुर के मंत्री बनने की खबर मिलने के बाद से ही पूरे संसदीय क्षेत्र में खुशी देखी जा रही है। वहीं धार से जिला अध्यक्ष मनोज सोमानी, विश्वास पांडे, शेखर यादव व अन्य भाजपा नेता दिल्ली पहुंचे व सावित्री ठाकुर को बधाई दी।
आदिवासी बहुल धार जिला अपने आप में एक महत्वपूर्ण सीट है। यहां पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के नेताओं का दबदबा रहा है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच में ही मुकाबला होता रहा है। इस लोकसभा सीट में 1967 से लेकर 1977 तक भारतीय जनता पार्टी लगातार जीतती रही। हालांकि उसे समय भारतीय जनसंघ हुआ करता था। इसके बाद कांग्रेस ने यहां पर अपना गढ़ मजबूत किया। इस तरह से आठ बार भाजपा 8 बार कांग्रेस की जीत हुई है। मगर आज तक धार लोकसभा सीट से दोनों पार्टियों ने आज तक मंत्री नहीं बनाया गया है।
दूसरी बार बनी सांसद:
सावित्री ठाकुर दूसरी बार चुनकर सांसद बनी है। इसके पहले 2014 में ठाकुर लोकसभा का पहला चुनाव भाजपा के टिकिट पर लड़कर जीती थी। पहले चुनाव में सावित्री ने वर्तमान नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के आदिवासी नेता उमंग सिंघार को चुनाव हराया था। इसके बाद 2019 में सावित्री का टिकिट काटकर पार्टी ने छतर सिंह दरबार को प्रत्याशी बनाया और दरबार चुनाव जीतकर सांसद बने। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में सावित्री पर भरोसा कर पार्टी ने दरबार का टिकिट काटकर लोकसभा का चुनाव लड़ाया। इस चुनाव में सावित्री ने कांग्रेस प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल को 2 लाख 18 हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हराया। जो आजदी के बाद से अब की सबसे बड़ी जीत दर्ज की व दूसरी बार की आदिवासी सांसद को अब केंद्र सरकार में मंत्री पद मिला। इससे निश्चित रूप से धार लोकसभा क्षेत्र को विकास के क्षेत्र में फायदा मिलेगा।
2002 में विक्रम वर्मा बने थे केंद्र में मंत्री:
1967 से 2019 तक चुने हुए किसी भी सांसद को केंद्र सरकार में मंत्री नही बनाया गया था। हालांकि धार के रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा को भाजपा ने राज्यसभा से सांसद बनाकर दिल्ली भेजा था। तब 26 अगस्त 2002 में विक्रम वर्मा को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राज्य सभा के सांसद कोटे से जरूर केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। वाजपेयी ने विक्रम वर्मा को केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण विभाग का जिम्मा दिया था। किन्तु अब चुने हुए सांसद सावित्री ठाकुर को केंद्र में भागीदारी मिलने जा रही है।
जिला पंचायत से राजनीति की शुरुआत:
सावित्री ठाकुर की राजनीतिक शुरुआत 2003 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में हुई। 2004 में वे जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित (कार्यकाल 2004 से 2009 तक) हुई। 2010 से भारतीय जनता पार्टी धार में जिला उपाध्यक्ष पद पर संगठन में कार्य किया। उन्होंने 2013 में वे कृषि उपज मण्डी समिति, धामनोद के डायरेक्टर पद पर निर्वाचित हुई।
2014 में लोकसभा की सांसद चुनी गई। 2017 में भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर, प्रदेश स्तर पर अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा में कार्यकारिणी सदस्य पद पर कार्य किया। वर्तमान में आदिवासी महिला विकास परिषद राष्ट्रीय महामंत्री मनोनीत की गई हैं। साथ ही भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भी हैं।
सावित्री ठाकुर (भाजपा)
उम्र : 46 वर्ष
सीट : धार, मध्य प्रदेश
शिक्षा : हायर सेकेंडरी
परिवार : पति तुकाराम ठाकुर, दो बेटे
पिछली बार : 17वीं लोकसभा की सदस्य नहीं रहीं
किसे हराया : कांग्रेस के राधेश्याम मुवैल को 2,18,665 वोट से हराया
खासियत : आदिवासी चेहरा। 2004 से 2009 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं, 2014 में पहली बार सासंद बनीं, राजनीति में आने से पहले एक एनजीओ में कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्य करती थीं।
यह रह चुके अब तक निर्वाचित सांसद,
- 1967 भारत सिंह चौहान जनसंघ
- 1971 भारतसिंह चौहान जनसंघ
- 1977 भारत सिंह चौहान भालोद
- 1980 फतेहभानसिंह सोलंकी कांग्रेस
- 1984 प्रतापसिंह बघेल कांग्रेस
- 1989 सूरजभानसिंह सोलंकी कांग्रेस
- 1991 सूरजभानसिंह सोलंकी कांग्रेस
- 1996 छतरसिंह दरबार भाजपा
- 1998 छतर सिंह दरबार भाजपा
- 1999 गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी कांग्रेस
- 2004 छतरसिंह दरबार भाजपा
- 2009 गजेन्द्रसिंह राजूखेड़ी कांग्रेस
- 2014 सावित्री ठाकुर भाजपा
- 2019 छतरसिंह दरबार भाजपा
- 2024 सावित्री ठाकुर भाजपा
सामाजिक कार्यों की शुरुआत की:
1996 से 2003 तक एक स्वयं सेवी संस्था (वास्पस) सिमरोल का आगमन हुआ और संस्था में जुड़कर महिला समन्वय के पद पर रहकर जिला धार, खरगोन और इंदौर के समस्त गांवों में आदिवासी गरीब, पिछड़ी, अशिक्षित महिलाओं के उत्थान हेतु सर्वप्रथम बचत करने हेतु महिलाओं के स्वयं सहायता बचत समूह प्रत्येक गांव में बनाए गए और उन्हें छोटी-छोटी बचत के बारे में प्रतिदिन सुबह-शाम बैठक ली और उनके भविष्य के लाभ के बारे में समझाना, उनके समूह के खाते बैंकों में खुलवाना, बैंकों से रोजगार हेतु ऋण दिलवाना, अगरबत्ती बनाने का महिलाओं को प्रशिक्षण देना, आदिवासी किसानों के खेतों में मेड़बंदी करवाना, सामाजिक कुरीतियों को दूर करना, महिलाओं के साथ शराब बंदी कार्यक्रम चलाना, शासन की योजनाओं से सभी को जोड़ना, बाल विकास केंद्र के माध्यम से बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा देना था।