प्री-मानसून की बारिश से खिले किसानों के चेहरे, गर्मी से भी मिलेगी राहत


जब आसमान पर बादल छाए तो लोग घरों की ओर आना चालू हो गए और तेज बारिश से किसानों को खेतों को सुधारने का काम भी अब सही होगा। मौसम के करवट बदलने से अब किसान भी खुश हैं क्योंकि उनकी खरीफ की बोउनी के लिए फायदेमंद है।


आशीष यादव
धार Published On :
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धार। मौसम ने रविवार की दोपहर एकाएक फिर करवट बदली और आसमान पर छाए बादल बरस पड़े। लगभग आधे घंटे तक हुई बारिश के बाद मौसम सुहावना हो गया तथा लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिल गई।

इन दिनों चल रही सोयाबीन की बोउनी के लिए किसान एक महीने से खेती के कार्य मे लग गए हैं। रविवार सुबह से मौसम खुला हुआ था और धूप खिलने से गर्मी भी अधिक थी। इसी बीच दोपहर लगभग तीन बजे एकाएक आसमान पर बादल छा गए तथा तीन बजे झमाझम बारिश शुरू हो गई।

बादलों के बरसने से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं आधे घंटे की बारिश के बाद शाम का मौसम सुहावना हो गया। चलने वाली हवाओं में नमी होने की वजह से लॉकडाउन के बीच घर की छत पर लोगों ने बैठकर मौसम का लुत्फ उठाया।

जिले में चल रही खरीफ की बोउनी की तैयारी के दौरान जब आसमान पर बादल छाए तो लोग घरों की ओर आना चालू हो गए और तेज बारिश से किसानों को खेतों को सुधारने का काम भी अब सही होगा। मौसम के करवट बदलने से अब किसान भी खुश हैं क्योंकि उनकी खरीफ की बोउनी के लिए फायदेमंद है।

तापमान में नहीं आई गिरावट –

रविवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री रहा जो शनिवार को 40 डिग्री था। रविवार को न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा। चूंकि दोपहर में तेज धूप और गर्मी थी इसलिए अधिकतम तापमान में अधिक गिरावट दर्ज नहीं हुई, लेकिन बारिश के बाद शाम के तापमान में जरूर गिरावट आ गई।

मौसम में बदलाव, बढ़ी चिंता –

पहले ऐसा माना जा रहा था कि तापमान बढ़ेगा तो कोरोना का खतरा कम हो जाएगा तथा अधिक गर्मी में वायरस भी निष्क्रिय हो जाएगा, लेकिन जिन दिनों में गर्मी भीषण पड़ती थी, उन दिनों में बेमौसम बरसात होने से तापमान में गिरावट आ रही है। मौसम में हो रहे इस बदलाव को लेकर आमजन चिंतित हैं कि प्रकृति भी बार-बार अपना रूप बदल रही है।

सही कर लेंगे खेत –

खेतों को सही करने का समय मिल गया है। बारिश से खेतों को सही कर लेंगे व खाद-बीज बाजार से खरीदी कर लेंगे।

– राहुल चौधरी, किसान, सकतली

बारिश से फायदा –

प्री-मानसून की बारिश से किसानों को फायदा है। इससे किसान अपने खेतों को सही कर लेंगे व बाद में जब मानसून की बारिश होगी जब बोवनी कर लेंगे।

– अर्जुन, किसान, अनारद


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