धार। प्रदेश सरकार की नई शराब नीति का असर जिले की शराब दुकानों पर भी पड़ने वाला है। जिले में शराब की तीन दुकानें ऐसी हैं, जो स्कूल और धार्मिक स्थलों के पास हैं, जिनका स्थान परिवर्तन करने के लिए आबकारी विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है।
शराब दुकानों के पास संचालित होने वाले अहाते भी पूरी तरह से बंद होने जा रहे हैं यानी जिले में 60 से अधिक अहाते भी बंद हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में अब लोग सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीते नजर आएंगे, जिससे विवाद बढ़ने की संभावना ज्यादा होगी।
एक ओर सरकार के अहाते बंद करने के निर्णय से राजस्व की हानि भी विभाग को उठानी पड़ेगी। धार जिले में 10 समूह हैं व 88 शराब की दुकानें हैं, जिनसे शासन को 342 करोड़ रुपये का राजस्व वित्तीय वर्ष में प्राप्त होना है।
इस वर्ष 377 करोड़ रुपये का राजस्व करना निर्धारित किया गया है। शेष राजस्व की प्राप्ति के लिए आबकारी विभाग के पास मार्च का महीना है। इससे विभाग को पूरा राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद बनी हुई है।
लेकिन, नई शराब नीति ने विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है क्योंकि जो नई दुकानें आवंटित होना हैं, वे 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ दी जानी हैं मतलब आबकारी विभाग को नए वित्तीय वर्ष में 377 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित करने का लक्ष्य मिलने वाला है।
जिले में ये चार दुकानें होंगी प्रभावित –
आबकारी विभाग से मिली जानकारी में बताया गया है कि शासन की नई शराब नीति में स्कूल और धार्मिक स्थल का दायरा 100 मीटर कर दिया गया है।
इस नई आबकारी नीति के लागू होने के बाद जिले की तीन दुकानें आ रही हैं जिनमें बदनावर, छोखुर्द और कुक्षी की एक-एक शराब दुकान शामिल हैं जिनका सर्वे कराया जा रहा है ताकि उन्हें दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करवाया जा सके। शासन के निर्देशों के अनुसार ही दुकानों को दूसरी जगह किया जा रहा है।
नई शराब नीति –
मध्यप्रदेश सरकार ने 2023-24 की नई शराब नीति का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वाणिज्य कर विभाग की तरफ से 1 अप्रैल 2023 से आयुक्त आबकारी विभाग मध्यप्रदेश को नई शराब नीति के क्रियान्यवन निर्देश जारी किये हैं।
मध्यप्रदेश सरकार की नई शराब नीति के तहत अब बार में सस्ती शराब और बीयर नहीं बिकेंगी। वहीं, इसके अलावा फॉरेन लिकर (इम्पोर्टेड शराब) को सभी दुकानों पर बेचने की अनुमति दे दी हैं।
अभी यह फॉरेन लिकर सिर्फ एयरपोर्ट या कुछ मॉल ही बेचने की अनुमति थी। इसे अब सभी दुकानों में बेचने की अनुमति दे दी है। वहीं, हेरिटेज शराब को अभी टैक्स फ्री रखा है।
नई शराब नीति के अनुसार अब दुकानदार शराब के किसी ब्रांड को बेचने से मना नहीं कर सकेंगे। उसे दुकान में सभी शराब के ब्रांड रखना होगा।
अहाते बंद होने से पीने की समस्या –
शासन अहाता बंद कर रही है तो दूसरी ओर पीने वालों के लिए बैठने की सुविधा बंद हो जाएंगी। लोग शराब खरीदने के बाद या तो सड़क पर ही शराब पीएंगे या फिर वाहनों में बैठकर। ऐसे में सड़कों पर भय का माहौल फैल जायेगा।
अभी भी अधिकाश शराब दुकानों से खरीदने के बाद लोग सड़क किनारे शराब पीने लगते हैं जिससे राहगीरों के साथ-साथ महिलाओं वर्ग को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
अहाते बंद होने से छेड़छाड़ की घटनाओ में भी इजाफा होगा। बैठक व्यवस्था नहीं होने से वहां काम करने वाले कर्मचारी पर भी संकट में आ जायेंगे। 63 अहातों के मालिक सहित काम करने वाले करीब एक हजार कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और काम नहीं होने से संकट पैदा हो जाएगा।
नई आबकारी नीति के नियम –
- किसी भी शराब की दुकान के साथ बैठक की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी यानी अहाते और शॉप बार नहीं खुलेंगे।
धार्मिक स्थानों से 100 मीटर की दूरी पर ही शराब दुकानें स्थापित हो सकेगी। - स्कूल, कॉलेज या छात्रावास जिनकी दुकानों से दूरी 100 मीटर से कम है, उन्हें 100 मीटर से अधिक दूरी पर विस्थापित किया जाएगा।
- कलेक्टर के प्रस्ताव पर दुकानों को बंद किया जा सकेगा। यदि वे चाहेंगे तो शराब के नशे में वाहन चलाने पर ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए जा सकेंगे। वहीं खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर सजा भी हो सकेगी।
दुकानों को लेकर यह व्यवस्था –
- वर्ष 2023-24 के लिए प्रदेश के सभी मदिरा समूहों को ठेका वित्तीय वर्ष की अवधि तक के लिए दिया जाएगा।
- प्रदेश की सभी जिलों की 88 कम्पोजित मदिरा दुकानों का ठेका विगत वर्ष 2022-23 में प्रचलित छोटे समूहों के अनुसार किया जाएगा।
- जिन कम्पोजिट दुकान समूहों पर नवीनीकरण के लिए आवेदन प्राप्त नहीं होंगे, उन समूहों पर अन्य इच्छुक पात्र आवेदकों से निर्धारित आरक्षित मूल्य पर लॉटरी आवेदन पत्र मांगे जाएंगे।
- प्रदेश की सभी शराब दुकानें कम्पोजित शॉप होंगी यानी वहां देशी और विदेशी दोनों प्रकार की शराब बेची जा सकेगी।
शासन के नियमों का होगा पालन –
शासन की तरफ से जो भी आदेश आये हैं, उनका पालन प्रदेश भर में करवाया जा रहा है। फिलहाल शासन ने नियम बनाये हैं उनके आधार पर शराब दुकानों का सर्वे शुरू किया है, जो मंदिर या स्कूल से 100 मीटर के दायरे में हैं। – ओपी श्रीवास्तव, आयुक्त, आबकारी, मध्यप्रदेश