जिले की सबसे बड़ी मंडी में शुमार धार की कृषि उपज मंडी अब ई-मंडी हो गई है। यहां उपज बेचने के लिए पर्ची बनाने, उपज की नीलामी, उपज का तौल व भुगतान तक का पूरा कामकाज ऑनलाइन कर दिया गया है। यह व्यवस्था धार अनाज मंडी में 10 जनवरी से लागू की गई है। दरअसल पूरे प्रदेश की 39 मंडियों में यह व्यवस्था पायलेट प्रोजेक्ट के तहत लागू की गई है।
ऐप के जरीए किसान घर बैठे ही अपना पंजीयन करवा सकते है। एप के जरीए किसान यह पंजीयन करेंगे और मंडी आने पर उन्हें सीधे उसी पंजीयन नंबर से प्रवेश मिलेगा और नीलामी से लेकर भुगतान तक यह पंजीयन नंबर वैद्य रहेगा। इससे किसानों का समय बचेगा। साथ ही मंडी में ज्यादा आवक वाले वक्त परेशानी से मुक्ति भी मिलेगी। फिलहाल यह व्यवस्था धार मंडी में भी लागू हो गई है और किसानों को इसकी जानकारी लगातार दी जा रही है।
ई-मंडी लागू होने से ना सिर्फ व्यापारियों बल्कि मंडी समिति के समय की भी बचत हो रही है। इस व्यवस्था से किसानों को नगद भुगतान को ले जाने के जोखिम से भी मुक्ति मिलेगी। किसान अपनी जरूरत का भुगतान लेकर शेष राशि का आरटीजीएस भी करवा सकेंगे। वहीं ई-मंडी से सारा काम पेपरलेस हो जाने से खरीदी, भुगतान की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आई है।
मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा प्रदेश की 39 मंडियों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। इसमें कृषि उपज मंडी समिति धार भी शामिल है। धार मंडी को ई-मंडी केअनुसार चलाने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है। मंडी में पीओएस मशीनों से ई-नीलामी और अनुबंध किए जा रहे है। इसके बाद अनुबंध के आधार पर ही तौल और भुगतान की प्रक्रिया भी मिनटों में पूरी कर ली जाती है। हालांकि प्रक्रिया नई होने से व्यापारियों को कुछ परेशानी व समस्या जरूरी आ रही है। लेकिन जैसे-जैसे यह प्रक्रिया अमल में आएगी, वैसे-वैसे तकनीकी दिक्कतें दूर होती जाएंगी।
मंडी आने से पहले ही कर सकते है पंजीयन: मंडी पहुंचने वाले किसान गेट पर अपने एंड्रायड मोबाइल एप से स्वयं पर्ची जारी कर सकता है। यदि किसान मंडी आने से पहले ही पंजीयन पर्ची जारी करवाना चाहता है, तो वह सीधे घर से भी पंजीयन कर सकता है। ई-मंडी एप के जरीए किसान सीधे एप से घर बैठे ही पंजीयन कर सकता है।
पंजीयन होने के बाद वह मंडी आता है तो उसका समय भी बचेगा। जबकि एप में पंजीयन नहीं होने पर मंडी समिति स्वयं साॅफ्टवेयर के माध्यम से भी किसान को पर्ची निकालकर जारी कर सकती है। इस तरह की भी व्यवस्था एप पर है। इस पंजीयन नंबर से ही किसान नीलामी में शामिल हो सकेगा। नीलामी के दौरान पीओएस मशीन में किसान व खरीदार का नाम डालते ही दोनों में अनुबंध हो जाएगा। इसके बाद तौलकांटे पर अनुबंध नंबर के आधार पर भुगतान प्रक्रिया होगी। किसान आसानी से यह प्रक्रिया पूरी कर भुगतान भी प्राप्त कर रहे है।
एप से पेपरलेस हो जाएगा सारा काम: इस व्यवस्था के लागू होने से पीओएस मशीन आने के बाद मंडी में लगभग सारे काम पेपरलेस होकर डिजीटल हो जाएंगे। इस प्रक्रिया को अमल में लाया गया है। लेकिन कुछ परेशानियों और ट्रेनिंग के बाद पूरी तरह से यह व्यवस्था काम करने लगेगी। इससे मंडी समिति का वक्त बचेगा। साथ ही कामकाज में भी पारदर्शिता आएगी।
वहीं किसान और व्यापारियों को भी काम करने में आसानी होगी व व्यवस्था का सरलीकरण होगा। ई-मंडी का सबसे ज्यादा फायदा मंडी समिति और किसानों को होगा। मंडी का आधे से ज्यादा कामकाज पेपरलेस हो जाएगा। साथ ही रिकार्ड मैंटेन करने की परेशानी से भी निजात मिल जाएगी।
मंडी बोर्ड के निर्देश पर धार मंडी में भी ई-मंडी की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। यहां किसान अपने मोबाइल से प्रवेश पर्ची निकाल रहा है। साथ ही उस पर्ची के सहारे अपनी उपज को नीलाम कर व्यापारी से अनुबंध, तौल व भुगतान सहित अन्य प्रक्रियाएं भी पूरी कर रहा है। अब इस एप के माध्यम से ई-मंडी का संचालन होगा।
केके नरगावे, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, धार