धार में शारदीय नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर में मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का कार्य चल रहा है। स्थानीय और पश्चिम बंगाल से आए कलाकार 2 से 15 फीट तक की मिट्टी से बनीं प्रतिमाएं बना रहे हैं। इस बार देवी अलग-अलग रूपों में विराजमान होंगी। 3 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत होगी, जिसमें मां दुर्गा डोली में आएंगी। शहर में एक हजार से अधिक स्थानों पर देवी स्थापना होगी।
मूर्तियों का निर्माण और लागत
पिछले तीन महीने से कलाकार प्रतिमाओं को आकार दे रहे हैं। बढ़ती सामग्री और मजदूरी की लागत से प्रतिमाओं की कीमतें 2,100 से 25,000 रुपये तक जा रही हैं। हालांकि पीओपी पर प्रतिबंध के बावजूद बड़ी मात्रा में इसका उपयोग हो रहा है, जिससे मिट्टी के मूर्तिकारों में नाराजगी है।
नवरात्रि की सुरक्षा व्यवस्था
पुलिस प्रशासन नवरात्रि के दौरान पंडालों में सुरक्षा की सख्त तैयारी कर रहा है। सीएसपी रविंद्र वास्कले के अनुसार, सभी समितियों को सीसीटीवी कैमरे लगाने और बाहरी लोगों के प्रवेश पर नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं। शांति समिति की बैठकें भी आयोजित होंगी।
प्रतिमा निर्माण में तेजी
बारिश की स्थिति सुधरने से मिट्टी सूखने का सहारा मिला है, जिससे मूर्तिकारों ने दिन-रात काम कर मूर्तियों का निर्माण शुरू कर दिया है। इस बार विशेष रूप से 15 फीट तक की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। धार में मूर्तिकार नवीन डोड और उनकी टीम ने 100 से अधिक मूर्तियां तैयार की हैं, जिनमें विभिन्न मुद्राओं में देवी के स्वरूप हैं।
पारंपरिक गरबों की तैयारी
नवरात्रि के पारंपरिक गरबा उत्सव के लिए बालिकाओं का प्रशिक्षण भी जारी है। इस नौ दिवसीय उत्सव में शहर का हर कोना मां दुर्गा के विभिन्न रूपों से सुसज्जित होगा।