धार। मध्यप्रदेश में बुधवार से सरकारी डाक्टरों की हड़ताल शुरू हो गई है। धार जिला अस्पताल सहित प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इसका सीधा असर दिख रहा है।
डॉक्टरों की हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। दूरदराज से आए मरीज उपचार के आभाव में निजी अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं।
हालांकि डॉक्टरों ने अस्पताल में केवल जीवन रक्षा के लिए इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी हैं। स्वास्थय विभाग ने वैक्लिपक तौर पर आयुष डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटियां लगाई हैं।
बुधवार को जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने जिला अस्पताल का निरीक्षण कर सिविल सर्जन से अस्पताल की जानकारी ली।
डॉक्टरों को तलाशते रहे मरीज –
तीन दिन से जारी डॉक्टरों की हड़ताल में बुधवार से सभी डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया। ओपीडी के विभिन्न केबिन में एक भी चिकित्सक नजर नहीं आया। ऐसे में कई मरीज व उनके स्वजन परेशान होकर लौट गए, तो कई ओपीडी के सामने बने पूछताछ केंद्र पर जानकारी लेते नजर आए। डिलीवरी के लिए आई महिलाओं को निजी अस्पतालों में जाना पड़ा।
जिला अस्पताल के 68 डॉक्टर हड़ताल पर –
शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के तत्वावधान में जिला अस्पताल के विशेषज्ञ, चिकित्सक, संविदा और बंधपत्र के करीब 68 चिकित्सक विभिन्न मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन पर उतरे हैं। मंगलवार को भी डॉक्टरों ने दो घंटों तक काम बंद कर अपना विरोध जताया था।
कक्ष सूने पड़े, नहीं हैं डॉक्टर, कलेक्टर ने किया निरीक्षण –
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बुधवार सुबह जिला अस्पताल का निरीक्षण कर सिविल सर्जन से वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी के साथ मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में चर्चा की। कलेक्टर सबसे पहले इमरजेंसी, एसएनसीयू, मेडिकल बोर्ड वार्ड में पहुंचे जहां व्यवस्थाओं को देखा।