धार में डॉक्टरों का विरोध: कोलकाता में डॉक्टर की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन


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धार जिले में कोलकाता में डॉक्टर की हत्या के विरोध में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर और हड़ताल कर प्रदर्शन किया। 18 अगस्त को एक दिन की हड़ताल की जाएगी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

धार जिले में कोलकाता में हुई पीजी डॉक्टर की हत्या के विरोध में डॉक्टर्स ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है। धार जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने शुक्रवार को एक घंटे का सांकेतिक हड़ताल किया, जिसमें उन्होंने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इस हड़ताल के दौरान ओपीडी सेवाएं बंद रखी गईं और डॉक्टरों ने सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर एकत्रित होकर अपनी नाराजगी जाहिर की।

मप्र शासकीय-स्वशासी चिकित्सक महासंघ के डॉक्टर कमलेश अहिरवार ने बताया कि 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता में एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स वारदात से चिकित्सा जगत और पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर है। डॉक्टर की हत्या के बाद वहां के प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई में ढिलाई के कारण भी नाराजगी है। पुलिस प्रशासन के तहत अनियंत्रित भीड़ द्वारा शव के साथ छेड़छाड़ और तोड़फोड़ की गई, जिसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

इस संदर्भ में धार जिले के चिकित्सकों ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने 14 अगस्त को पश्चिम बंगाल सरकार और चिकित्सा प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की। वे चाहते हैं कि एक केंद्रीय नॉन-बेलिएबल डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए, ताकि भविष्य में डॉक्टरों को इस तरह की हिंसा का सामना न करना पड़े।

डॉक्टरों की इस एकजुटता में सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र चौधरी, अनिल वर्मा, संजय जोशी, राजेश जर्मा, डॉ. बर्मन, नंदिता निगम, डॉ. छत्रपाल सिंह, नेहा मित्तल, शर्मिला पाटीदार, और डॉ. बोरासी जैसे प्रमुख चिकित्सक शामिल थे।

भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी 17 से 18 अगस्त तक एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल के दौरान सामान्य चिकित्सा सेवाएं बंद रहेंगी, जबकि आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। IMA ने जनसमूह, प्रशासन, और महिला संगठनों से समर्थन की अपील की है, क्योंकि यह मामला सिर्फ एक डॉक्टर की नहीं बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा का मुद्दा है।



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