पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे का निबटान: ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा- कचरे का एक भी वाहन नहीं आने देंगे


पीथमपुर बचाओ अभियान शुरू, स्थानीय नागरिकों ने पूछा… पीथमपुर ही क्यों, अन्य जगह क्यों नहीं ले जाते कचरा, जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे


आशीष यादव
धार Updated On :

भोपाल गैस त्रासदी के कचरे को पीथमपुर में जलाने के सरकारी फरमान के बाद मंगलवार को पीथमपुर बचाओ समिति ने तारपुरा गांव के बोकनेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में बैठक का आयोजन किया। बैठक में एक भी जनप्रतिनिधि के न पहुंचने से ग्रामीण नाराज थे।

बैठक में कचरे को पीथमपुर में आने से रोकने के लिए विरोध की योजना बनाई गई। ग्रामीणों ने मीडिया की खबरों की सराहना की, जिन्होंने यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे पर प्रमुखता से रिपोर्टिंग की।

 

पीथमपुर बचाओ समिति के संयोजक डॉ. हेमंत हिरोले ने बताया कि 1984 में यूनियन कार्बाइड कंपनी में एमआईसी गैस के लीक होने से 25,000 मौते हुई थीं, जिसे भोपाल गैस त्रासदी कहा जाता है। इस कचरे को 40 साल बाद पीथमपुर में जलाने की अनुमति दी गई है।

समिति के सदस्यों ने कहा कि भोपाल में एमआईसी गैस से प्रभावित लोग आज भी बीमारियों से जूझ रहे हैं। हम किसी भी हालत में भोपाल गैस त्रासदी का कचरा पीथमपुर में नहीं आने देंगे। हम मर जाएंगे पर कचरा नहीं जलाने देंगे।

हस्ताक्षर अभियान और चौपालें
बैठक में बताया गया कि आगामी दिनों में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद पीथमपुर में जगह-जगह चौपाल लगाकर पीथमपुर को बचाने के लिए समर्थन मांगा जाएगा।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भोपाल गैस त्रासदी का कचरा जलाने के लिए रामकी कंपनी को 126 करोड़ रुपये दिए हैं। इसके बाद पीथमपुर को बचाने की मुहिम शुरू हो गई है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक युवाओं ने विरोध शुरू कर दिया है।

नगर पालिका ने एजेंडे में लिया
नगर पालिका ने भोपाल गैस त्रासदी के कचरे के मुद्दे को अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है। दो अगस्त को आपातकालीन बैठक बुलाकर प्रस्ताव लाया जाएगा।

यह बैठक केवल भोपाल गैस त्रासदी को लेकर होगी। नगर पालिका अध्यक्ष सेवंती सुरेश पटेल ने स्पष्ट किया है कि वे सरकार के इस फरमान के खिलाफ हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां इस सरकारी फरमान के सख्त खिलाफ हैं।

 

नगर पालिका की बैठक में कचरे को पीथमपुर में न जलाने का प्रस्ताव रखा जाएगा और संकल्प दिलाया जाएगा।

सेवंती पटेल, अध्यक्ष पीथमपुर नपा

 

 

तारपुरा गांव के पानी का टीडीएस एक हजार पार हो चुका है। यहां के जीव-जंतु बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में भोपाल गैस त्रासदी का कचरा जलाया गया तो यहां रहना मुश्किल हो जाएगा। हम किसी भी परिस्थिति में जहरीला कचरा नहीं जलने देंगे।

बलराम चावरे, सदस्य पीथमपुर बचाओ समिति

हम किसी भी परिस्थिति में भोपाल का कचरा पीथमपुर में नहीं जलने देंगे। हम मर जाएंगे पर कचरे का एक वाहन नहीं आने देंगे।

जादू सिंह, रहवासी तारपुरा

हम पीथमपुर को बचाने के लिए घर-घर जाकर समर्थन मांगेंगे। हम मरने के लिए तैयार हैं, लेकिन आने वाले भविष्य को खतरे में नहीं डाल सकते।

जीवन नीमामा, रहवासी अकोलिया


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