धार। शहर की निजी बैंक में काम कर चुके एक युवक के खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
आरोपी ने परिचित से 8 लाख रुपये उधार लिए थे, भरोसा होने के कारण व्यापारी ने रुपये दिए, लेकिन बाद में आरोपी ने रुपये नगद लौटाने की बजाय व्यापारी को चेक दिया। जब व्यापारी ने चेक बैंक में लगाया तो जाली हस्ताक्षर की टीप के साथ चेक बाउंस हो गया।
ऐसे में पीड़ित व्यापारी ने इस मामले में कार्रवाई के लिए एक आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय को सौंपा, जहां से आवेदन धार कोतवाली थाने पर पहुंचा जिसके बाद धार पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
आरोपी अंकित पिता नरहरि घाटे निवासी हैप्पीविला कॉलोनी पर पूर्व में भी धोखाधडी का प्रकरण दर्ज हो चुका है। अब कोतवाली पुलिस आरोपी के पुराने प्रकरण भी खंगाल रही है और इसके साथ ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक टीम भी गठित की गई है।
झूठे हस्ताक्षर वाला चेक दे दिया –
पीड़ित व्यापारी संजय दशोरे निवासी गाछावाडी ने पुलिस को बताया कि आरोपी अंकित घाटे से पारिवारिक संबंध होने के कारण बातचीत थी। जब व्यापारी ने कृषि भूमि विक्रय की तो उसका करीब 8 लाख रुपये उसके पास रखा था।
घटना दिनांक 20 अगस्त 2020 को आरोपी ने आवश्यकता होने पर रुपयों की मांग रखी, दोस्ती के कारण व्यापारी ने आरोपी को रुपये उधार दे दिए। दो साल तक व्यापारी परेशान होता रहा, किंतु आरोपी ने रुपये नहीं लौटाए।
लगातार प्रयास करने के बाद आरोपी ने 8 अगस्त 2022 को एक चेक दिया, जिसे बैंक में जमा करने पर अगले ही दिन झूठे हस्ताक्षर होने के कारण चेक बाउंस की टीप के साथ वापस हो गया।
व्यापारी ने बैंक में जाकर चेक को लेकर जानकारी जुटाने की कोशिश की तथा अभिभाषक के माध्यम से नोटिस भी भिजवाया तो बैंक ने पुलिस को ही जानकारी देने की बात कही, जिसके बाद ही व्यापारी पुलिस के पास पहुंचा था।
थाना प्रभारी दीपक सिंह चौहान ने बताया कि एक आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें पीडित ने आरोपी अंकित घाटे को उधार 8 लाख रुपये दिए थे, किंतु आरोपी ने रुपये नहीं देते हुए चेक दिया था। मामले में प्रकरण दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है।