802 गाँवों में विकास की उम्मीद: धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से बदलेंगी जनजातीय इलाकों की तस्वीर


पिछड़े ग्रामीण इलाकों की दशा सुधारने के लिए धरती पर उतरेंगी केंद्र सरकार की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान


आशीष यादव
धार Updated On :

धार जिले के जनजातीय ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई धारा बहाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान‘ शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत जनजातीय क्षेत्रों में योजनाओं और विकास कार्यों के लिए शासन ने वित्तीय संसाधनों का मार्ग प्रशस्त किया है। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और जमीन स्तर पर कुशल संचालन के लिए कलेक्टर को निगरानी का दायित्व सौंपा गया है। मोदी सरकार इस अभियान का शुभारंभ कर रही है, जिसका उद्देश्य जनजातीय गांवों में आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर विकास को गति देना है।

इस अभियान के अंतर्गत धार में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें राज्यपाल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की भी सहभागिता संभव है। इस कार्यक्रम के मद्देनज़र अधिकारियों ने पीजी कॉलेज मैदान का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया। ‘धरती आबा जनजातीय योजना’ का लक्ष्य उन गांवों का समग्र विकास करना है, जो वर्षों से विकास की राह तक रहे हैं। इस योजना में सांसद, विधायक और मंत्री भी सहयोग करेंगे, ताकि सभी विकास योजनाएं गांवों तक पहुंचाई जा सकें।

 

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान

यह योजना केंद्रीय मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत संचालित होगी और इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री ने झारखंड में किया था, और इसे स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के सम्मान में मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष महत्व दिया गया। इस योजना के तहत 17 मंत्रालयों की 25 से अधिक योजनाओं का एकीकृत कार्यान्वयन किया जाएगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक सशक्तिकरण और आधारभूत संरचना के क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। धार जिले के 802 गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है, जिनमें से 689 गांव पहले से प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत आते हैं।

 

धार जिले में प्रदेश में सबसे अधिक 802 गांव योजना में शामिल

केंद्रीय मंत्रालय ने धार जिले को आकांक्षी जिले के रूप में मान्यता दी है और यहां 802 गांवों को इस अभियान में सम्मिलित किया गया है, जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं। आदर्श ग्राम योजना के तहत 689 गांवों में विकास कार्य प्रारंभिक चरण में हैं, जहां प्रत्येक ग्राम में 20-20 लाख रुपए की योजना के निर्माणाधीन कार्य चल रहे हैं। अब धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत पंचायतों, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों के विस्तार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस अभियान में चार मुख्य लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है – बुनियादी ढांचे का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, और गरिमापूर्ण वृद्धावस्था के लिए स्वास्थ्य सेवाएं।

 

प्राथमिकताएं और विकास कार्य

चिन्हित गांवों में अधोसंरचना विकास के तहत आवास निर्माण, सड़कों का निर्माण, स्वच्छ पेयजल, बिजली, मार्केटिंग सेंटर, और संचार सुविधाएं शामिल होंगी। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और पोषण को इस योजना के प्रमुख घटकों के रूप में शामिल किया गया है। गांवों में सौर ऊर्जा पैनल, वनाधिकार पट्टों का वितरण, मृदा कार्ड का वितरण, पशुपालन, मछली पालन और पर्यटन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने जैसी योजनाएं भी इस अभियान का हिस्सा होंगी। संचार सुविधा के लिए 4जी और 5जी कनेक्टिविटी की व्यवस्था हेतु बीएसएनएल के टावर लगाए जाएंगे।

दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल चिकित्सा प्राथमिकता

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के अनुसार, जिले के कई ऐसे गांव हैं, जहां चिकित्सा सुविधा की पहुंच नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मोबाइल चिकित्सा यूनिट की व्यवस्था की जाएगी। इन चलित चिकित्सालयों में डॉक्टर के साथ मरीजों की जांच की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त, बदनावर में पीएम मेगा पार्क में उद्योगों को प्रशिक्षित कर्मचारी मिल सकें, इसके लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

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गांवों में जागरूकता अभियान और कैंप का आयोजन

कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ बैठक कर धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत गांवों की जरूरतों का सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए हैं। इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहां उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और उनके लाभ के लिए किए जाने वाले कार्यों का विवरण साझा किया जाएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, 500 से अधिक जनसंख्या वाले और 50% से अधिक जनजातीय आबादी वाले गांव इस अभियान में शामिल किए गए हैं। अगले 5 वर्षों में 17 मंत्रालयों के संयुक्त प्रयासों से 25 योजनाओं का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।

 

ग्रामीण क्षेत्र में समग्र विकास

जनजातीय समुदायों को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु केंद्र सरकार ने 802 गांवों में इस अभियान के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों की योजनाओं को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और रोजगार जैसी आवश्यक सुविधाएं इन गांवों में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे जनजातीय समुदायों का जीवनस्तर ऊंचा हो और वे मुख्यधारा से जुड़ सकें।

प्रियंक मिश्रा, कलेक्टर धार


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