धार। अप्रैल-मई माह में होने वाली समर्थन मूल्य की गेहूं खरीदी के लिए अभी से कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए सरकार ने पंजीयन नीति-निर्देश जारी कर दिए हैं।
इसके तहत 25 जनवरी से शुरू किसानों के पंजीयन जिले में 101 केंद्रों पर होंगे। यहीं नहीं इस बार खरीदी के दौरान जिले में संस्थास्तर के खरीद केंद्रों के साथ ही केंद्रों की भी संख्या में पंजीयन करने की कियावत शुरू कर दी है जिसके लिए प्रशासन ने इस बार नए केेंद्र बनाने है।
समर्थन मूल्य पर गेहूूं खरीद की प्रक्रिया के लिए शासन के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जनवरी को गाइड लाइन जारी की है। जिसके मुताबिक 25 जनवरी से 25 फरवरी तक गेहूं व 1 फरवरी से 25 फरवरी तक चने मंसूर के किसान विक्रय के इच्छुक किसानों के पंजीयन शुरू हो गए है।
पिछले वर्ष 84 केंद्रों पर पंजीयन हुआ था और 109 केंद्रों पर खरीदी हुई थी। लिहाज़ा इस बार उन्हीं केंद्रों पर ही किसानों के पंजीयन होंगे। जिन्हें पोर्टल पर दर्ज किए जाने की प्रक्रिया खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है।
ख़ास बात यह है कि इस बार इन 101 केंद्रों पर पंजीयन के साथ ही किसान कियोास्क सेंटर, लोक सेवा केंद्र और गिरदावरी एप से अपना विक्रय पंजीयन करा सकते हैं। जबकि सिकमीदार किसान और वनाधिकार पट्टाधारी किसानों के पंजीयन केवल निर्धारित सहकारी संस्था के पंजीयन केंद्र पर ही होंगे।
इस बार 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में गेहूं
जिले में अल्पवर्षा के चलते इस बार गेहूं का रकबा गत वर्ष के मुकाबले कम हो गया है। जिले के कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार में लगभग 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर रकबे में किसानों ने गेहू की बोवनी की थी, जबकि गत वर्ष 2 लाख 70 हजार हेक्टेयर में गेहूं बोने का लक्ष्य रखा गया था।
यही वजह है कि गत वर्ष 2020 में जिले में 40 हजार किसानों ने 3 लाख मैट्रिकटन अधिक गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचा था, जो एक रिकॉर्ड है। पिछले साल समर्थन मूल्य पर जिले में 3 लाख मैट्रिक टन गेहूं सरकार के गोदाम में आया था। जिले में इस वर्ष बारिश कम होने के कारण खरीफ की फसलों का रकबा गिरा है इसमें गेहूं प्रमुख है।
पिछले वर्ष जिले में 2 लाख 70 हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में किसानों ने गेहूं बोया था, लेकिन इस बार यह रकबा समान है लेकिन पानी के चलते उत्पादन पर फर्क पड़ेगा। कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैं जहां किसानों ने खेत खाली छोड़ दिए हैं। गेहूं को पानी ज्यादा लगता है ऐसे में जो किसान प्राकृतिक बारिश पर ही केंद्रित हैं उन्होंने इस बार गेहूं की खेती न करना उचित समझा है।
उत्पादन पर भी दिखेगा असर:
कम क्षेत्र के कारण गेहूं के उत्पादन पर भी असर दिख सकता है। हालांकि विभागीय अधिकारी उत्पादन का आंकड़ा रकबे के हिसाब से तय करने को गलत बताते हैं, लेकिन क्षेत्र कम होने और उपर से प्राकृतिक आपदाओं से गेहूं की फसल प्रभावित होने के कारण उत्पादन में कमी आ सकती है।
विभाग अभी विकासखंडों से फसल कटाई प्रयोग के आंकड़े जुटा कर रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार जिले में गेहूं के उत्पादन का रकबा बढ़ा है तो गेंहू उत्पादन भी बढ़ाने की सम्भावना है।
यह दस्तावेज लगेंगे पंजीयन में:
रबी में नए पंजीयन के लिए किसान को समग्र परिवार आईडी, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, बैंक आईएफएससी कोड, मोबाइल नंबर, विक्रय तिथियों के तीन विकल्प रहेंगे।
किसान अपना पंजीयन एमपी किसान एप, ई-उपार्जन मोबाइल उप, पब्लिक डोमेन में ई-उपार्जन पोर्टल पर करवा सकते हैं। हालांकि पंजीयन की शुरुआत पांच दिन पहले हो गई थी, अभी तक दस हजार किसानों ने पंजीयन कराया है।
समर्थन मूल्य पंजीयन में आ रही थोड़ी दिक्कत:
बता दें कि शुरुआत में पोर्टल में तकनीकी खामियों के कारण कुछ किसानों के पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं और किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं। कुछ समितियों किसान जब पोर्टल पर गेहूं का पंजीयन कराने पहुंच रहे हैं और उनकी जानकारी जब पोर्टल पर फीड की जाती है तो उसपर मैसेज आ रहा है कि खसरा से आधार लिंक नहीं है, पटवारी से संपर्क कर खसरा से आधार लिंक कराएं, जबकि पंजीयन के पहले इस प्रकार की कोई सूचना किसानों को नहीं दी गई थी।
इस संबंध में पटवारी भी वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांग रहे थे। क्योंकि उसमें खसरा में आधार लिंक करने का मैसेज आ रहा है जो पिछले वर्ष नहीं आता था। आधार लिंक न होने के कारण पोर्टल में जानकारी फीड नहीं हो पा रही है, जिससे किसान परेशान हैं। इस संबंध में विभाग को जानकारी दी गई है।
जिले के सभी किसानों का गेहूं पंजीयन किया जाएगा वहीं किसानों से अनुरोध है कि तिथि के पहले अपना पंजीयन करा लें और समर्थन मूल्य की खरीदी का लाभ लें।
एस एन मिश्रा, जिला खाद्य अधिकारी, धार