जिले में जल स्रोतों से अवैध पानी चोरी पर रोक लगाने के उद्देश्य से जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता कलेक्टर ने की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी, अपर कलेक्टर अश्विनी रावत, और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न परियोजनाओं से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत की, जिसमें ओंकारेश्वर, मान, और माही परियोजनाओं का विवरण शामिल था।
रबी सीजन के लिए सिंचाई और जल आरक्षण के लक्ष्य
बैठक में रबी सिंचाई वर्ष 2024-25 के लिए 1,80,524 हेक्टेयर सिंचाई और 32.191 मि.घ.मी. पेयजल आरक्षण का लक्ष्य सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके अलावा, धार और खरगोन जिलों में ड्रिप सिंचाई के लाभ को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
बिना अनुमति विद्युत कनेक्शन पर रोक
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जल संसाधन विभाग की अनुमति के बिना तालाबों और नहरों के जल भराव क्षेत्र से सिंचाई के लिए विद्युत कनेक्शन न दिए जाएं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को जलापूर्ति नहरों के अंतिम छोर तक सुचारू रूप से पहुंच सके।
पानी चोरी और नहरों को नुकसान पहुंचाने पर होगी एफआईआर
बैठक में कलेक्टर ने चेतावनी दी कि रबी सीजन के दौरान नहरों को नुकसान पहुंचाने या अवैध रूप से पानी चोरी करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने पुलिस प्रशासन से सहयोग लेने के निर्देश भी दिए।
जल कर बकाया होने पर जल आपूर्ति बंद करने के निर्देश
जल संसाधन विभाग ने जानकारी दी कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगर पालिका, और ग्राम पंचायतों द्वारा पिछले वर्षों का जल कर बकाया है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि अगर बकाया जल्द नहीं चुकाया गया तो जल आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
मांडव में जल संरक्षण के विशेष निर्देश
कलेक्टर ने मांडव के सागर तालाब से पेयजल की स्वीकृत मात्रा के अतिरिक्त पानी नदी में छोड़े जाने के निर्देश दिए। मांडव की पुरातात्विक धरोहर और पर्यटन स्थल के महत्व को देखते हुए नगर परिषद को जल संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस बैठक में लिए गए फैसलों का उद्देश्य जिले में जल संसाधनों के उचित और नियंत्रित उपयोग को सुनिश्चित करना है, ताकि किसानों और आमजन को जल संकट का सामना न करना पड़े।