धार। शहर के मध्य क्षेत्र में सड़क परिवहन विभाग के डिपो की दुकानों को लेकर एआरटीओ विभाग ने दस्तावेज तलब किए हैं। विभाग के मुख्य अधिकारी ज्ञानेन्द्र वैश्य बुधवार को डिपो पहुंचे थे। उन्होंने यहां पर परिसर के बाहरी हिस्से में बनाई गई दुकानों के संचालकों से पूछताछ की। संचालकों से मासिक किराया जमा करने संबंधी जानकारी मांगी गई और दुकान आवंटन संबंधी जानकारियां निकालने की कोशिश की गई।
इस बारे में अधिकारी ने कहा कि सभी को नोटिस जारी किये जाएंगे और दुकानों के दस्तावेज़ और किराये के विषय में जानकारी ली जाएगी। विभाग की इस कवायद के एक दिन पूर्व ही धार कलेक्टर आलोकसिंह डिपो की भूमि का भ्रमण करके गए हैं। आरटीओ विभाग की सक्रियता को भी कलेक्टर के दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है।
विभाग बंद हुआ, जमीन खाली पड़ी
सड़क परिवहन विभाग को बंद हुए डेढ़ दशक से अधिक समय हो चुका है। विभाग के अधीन संपत्तियों में डिपो परिसर और उसकी दुकानों सहित बस स्टैंड कैम्पस भी शामिल है। विभाग के बंद होने के पूर्व से विभाग पर आरटीओ सहित निकाय का लाखों का कर वसूली बकाया है। वर्तमान में डिपो परिसर की खुली भूमि पर प्रायवेट बसें खड़ी होती हैं। वहीं कई ट्रांसपोर्टरों के ट्रक भी खाली किए जाते हैं।
जमीन की देखरेख नहीं होने से इसके पिछले हिस्से में लगातार खुदाई हो रही है। इधर परिसर की बंद दुकानों में 2019 में कांग्रेस की सरकार में ताले खुले और शहर के लोगों को दुकानें आवंटित हो गई। इस मामले में अवैध तरीके से आवंटन को लेकर शिकायत के बाद तत्कालीन एसडीएम वीरेन्द्र कटारे ने कुछ दुकानों को सील कर दिया था और दस्तावेज तलब किए थे।
इसके बाद एसडीएम द्वारा ही सील खोल दी गई। एक बार फिर इस तरह से आवंटित दुकानों को लेकर आरटीओ विभाग सक्रिय दिख रहा है। इधर कलेक्टर आलोकसिंह भी विभिन्न बंद विभागों की रिक्त भूमियों की जानकारियां जुटा रहे हैं। संभावना है इस भूमि का उपयोग शहरहित में आगामी दिनों में लिया जा सकता है।
यहां पदस्थ होने के बाद से डिपो परिसर का निरीक्षण नहीं किया था, इसलिए निरीक्षण हेतु पहुंचे थे। डिपो परिसर के दुकानदारों से आवंटन संबंधी दस्तावेज और किराये की जानकारी मांगी है। दस्तावेज देखने के बाद ही दुकानों के मामले में कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल सब कुछ सामान्य प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है।
ज्ञानेन्द्र वैश्य, एआरटीओ धार