धार। कभी बाजार जाते समय तो कभी स्कूल से बेटियां घर ही नहीं पहुंच पाती हैं। इन बेटियों के गायब हो जाने के बाद माता – पिता और परिवार का एक तरह से सुख – चैन छिन जाता है। ‘ अपनों ‘ की तलाश के लिए कभी पुलिस से गुहार लगाई जाती है तो कभी परिचितों के घर तलाश किया जाता है । इसके बाद भी जब बेटी नहीं मिलती है तो परिजन का दुःख असीमित हो जाता है।
धार पुलिस ऐसे 15 परिवारों के लिए खुशियां लाई है। इन परिवारों की लापता बेटियों की घर वापसी हो गई है । पुलिस ने इन्हें गुजरात सहित अलग – अलग राज्य और जिलों से में बरामद किया है वहीं ऑपरेशन मुस्कान के तहत इस समय खाकी लोगों के घर की खुशियां लौटाने के अभियान में लगी है और सबसे दिलचस्प बात यह कि इसमें पुलिस को हर दिन सफलता मिल रही है।
इस ऑपरेशन के तहत पुलिस को वैसे तो काफी मशक्कत करनी पड़ रही है लेकिन जब घर परिवार वाले दुआएं देते हैं तो पुलिसकर्मियों को अपनी मेहनत का सार्थक परिणाम दिखता है और इस बात का सुकून भी पुलिस की छवि जनता के बीच इसी बहाने कुछ अलग सी बनती है। पुलिस इस समय अपने एक खास मिशन ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुमशुदा बच्चों बालक बालिकाओं की तलाश कर उन्हें बरामद करते हुए उनके परिजनों को सौपा गया।
ऑपरेशन मुस्कान के तहत तीनो थानों में गुमशुदा बच्चों की धूल खाती फ़ाइलों में दबी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए सभी थाना क्षेत्रों ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की। इसका नतीजा यह हुआ कि ऑपरेशन मुस्कान के 55 दिनों के अंदर 15 से अधिक बच्चे बालक-बालिकाएं सकुशल अपने परिजनों से मिल सके।
पुलिस के इस ऑपरेशन के तहत कई ऐसे बालक बालिकाओं को बरामद किया गया जिन्हें बहला फुसलाकर उनके घर से भगा लाया गया था। कई नाबालिग लड़कियों को गलत हाथों में पड़ने से पहले पुलिस ने बचा लिया और किसी को तो कुछ घंटों में ही पुलिस ने उनके घर पहुंचा दिया। इस दौरान पुलिस ने दूसरे राज्यों में भी बच्चों की तलाश की।
तीन थानों ने किया बेहतर प्रदर्शन
दस्तयाबी अभियान के तहत गुमशुदाओं को तलाशने में धार और नौगांव थाने ने बेहतर प्रदर्शन किया है। दस्तयाबी अभियान के दौरान पुलिस द्वारा तलाशी में लापता बालक-बालिकाओं को पुंलिस ने तलाश कर उनके माता-पिता के सुपुर्द किया तो उनके मुरझाए चेहरे फिर खिल उठे। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के तहत अनुविभागीय कार्यालय में आने वाले थानों में पुलिस 8 अप्रैल से अब तक 15 लापता बालक-बालिकाओं को तलाश चुकी है।
गुमशुदा बच्चो में अधिकांश नाबालिग:
वहीं इन मामलों में अधिकांश बालिका नाबालिग है क्योंकि अधिकांश मामलों में बच्चों को बेहला फुसलाकर उन्हें ले जाया जाता है। इस अभियान में धार सीएसपी देवेंद्र धुर्वे, धार कोतवाली टीआई समीर पाटीदार, नौगांव टीआई आनन्द तिवारी, तिरला टीआई रंजीत सिंह बघेल और टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
ये मामले रहे खास
- धार बस्ती से लापता बालक को पुलिस ने दो दिन में तलाश कर परिजन को सौंपा।
- तिरला थाना अंतर्गत हाल ही में बिना बताए निकली किशोरी को तलाश कर उसके परिजनों को सौंपा।
- लापता हुए 9 वर्षीय बालक को तलाशकर परिजनों को सौंपा गया।
- 15 वर्षीय किशोरी को धार दस दिन में पुलिस ने तलाशा किया ।
- नौगांव पुलिस ने लापता हुए 17 वर्षीय बालिका को तलाश कर परिजन से मिलवाया।