सरकारी स्कूलों में अब होगी नर्सरी की भी पढ़ाई, शिक्षा की दशा और दिशा बदलने का दावा


विद्यालयों को नई केन्द्रीय शिक्षा नीति के मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा। चयनित 556 विद्यालयों में अधोसंरचना, मानव संसाधन सहित प्रतियोगी युग में दक्षता हासिल करने के लिए बच्चों को आधुनिक साधन-संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

धार। सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए अब सरकार कुछ नए परिवर्तन करने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि इससे 556 सरकारी विद्यालयों की दशा के साथ दिशा भी बदल जाएगी।  इन विद्यालयों में कक्षा नर्सरी से 12 वीं तक पढ़ाने के लिए तमाम सुविधाएं जुटाने की तैयारियां की जा रही है।

सीएम राईज ‘ विद्यालयों में 111 संकुलों के 556 स्कूलों का चयन किया गया है । इन स्कूलों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाएगा। चयनित स्कूल वह स्कूल हैं जहां खेल मैदान एवं कक्षाओं के कक्ष, कम्प्यूटर लैब , लाईब्रेरी सहित अन्य कार्यों के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता हैं। धार जिले में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सबसे तेजी से आयुक्त आदिम जाति कल्याण विकास काम हुआ है।

इसमें दो स्तरों पर डीपीसी ने त्वरित रूप से चयनित कार्य किया गया है । जिसमें भौतिक सूची को अंतिम रूप दे दिया है। अब सत्यापन कार्य बीईओ , बीआरसी इन विद्यालयों में काम कराए जाएंगे।

सीएम राईज स्कूलों में सबसे पहले बई केन्द्रीय शिक्षा नीति लागू करने में नर्सरी की शुरुआत की जाएगी। सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए नर्सरी से केजी -1 व केजी -2 जैसे तीन सीखने के प्लेट फार्म तैयार होने से उनकी दक्षता की नींव मजबूत होगी।

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वर्तमान में स्कूल चलो अभियान जैसे कार्यक्रम में नामांकन को बढ़ाने के लिए स्कूलों से दूर बच्चों को नामांकन रजिस्टर से जोड़ दिया जाता था । कक्षा पहली से पढ़ाई की शुरुआत होती थी । इसमें ऐसे बच्चे होते थे जिन्हें अक्षर ज्ञान भी नहीं होता था। अब नई नीति से प्री – प्राईमरी शिक्षण व्यवस्था लागू होने से ‘ विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।

222 स्कूलों को गोद लिया…
सीएम राईज विद्यालय में विशेष फोकस के लिए स्कूलों का चयन किया गया है । इस तरह का क्रम वर्ष – प्रतिवर्ष चलता रहेगा । इधर इसी योजना की तर्ज पर धार जिले में पिछले तीन साल से ‘ स्वप्रेरित अभियान ‘ में कलेक्टर के पहल से सरकारी स्कूलों में साधन – संसाधन की पूर्णता के लिए स्कूल गोद लेने का काम चल रहा है।

इसके तहत जिला कलेक्टर आलोकसिंह ने जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को 11 प्राईमरी और 11 माध्यमिक विद्यालय यानी कुल 222 विद्यालयों में अधोसंरचना सहित अन्य कार्यों को अपने ‘ प्रभाव ‘ व ‘ परिचय ‘ से कराने के लिए ‘ गोद ‘ दिया है।

यह है सीएम राईज विद्यालयों के उद्देश्य 

  • नर्सरी से लेकर कक्षा 12 वीं तक समग्र – एकीकृत विद्यालय संचालित कर बच्चों की संख्या बढ़ाना और ड्रापआऊट दर को कम करना है।
  • स्कूलों में 21 वीं शताब्दी की क्षमताओं- दक्षताओं को विकसित करने हेतु आधुनिक उपकरण और तकनीक से लैस करना।
  • बच्चों के समग्र विकास के लिए एक ही विद्यालय परिसर में खेलकूद, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों को आयोजित कर उपयुक्त वातावरण का निर्माण करना है ।
  • सीएम राईज स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता को विशेष रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।
  • इन विद्यालयों के विकसित होने के बाद इसमें अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम की कक्षाएं भी संचालित होगी । आगामी चरणों में इसे सीबीएसई मान्यता प्राप्त शाला के रूप में भी परिवर्तित किया जाएगा।

केन्द्रीय शिक्षा नीति होगी लागू: जिले के विद्यालयों को नई केन्द्रीय शिक्षा नीति के मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा। चयनित 556 विद्यालयों में अधोसंरचना, मानव संसाधन सहित प्रतियोगी युग में दक्षता हासिल करने के लिए बच्चों को आधुनिक साधन – संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

इन विद्यालयों में सीएम द्वारा प्रदत्त निधि से काम कराए जाएंगे। सबसे मुख्य बात यह है कि नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के प्रयास शुरू हो गए हैं । इसके तहत अब प्री – प्राईमरी शिक्षा भी सरकारी स्कूलों में शुरु होगी  यानी अब सरकारी स्कूल में कक्षा पहली से नहीं बल्कि नर्सरी से प्रवेश मिलेगा। जिले में साढ़े 3 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालय है। इनमें से 556 का चयन सीएम राईज विद्यालय के लिए हुआ है । जहां पर आवश्यकताओं की पूर्ति करने के पश्चात इनमें वई केन्द्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी ।

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