धार: जिले में रहा मिला-जुला असर, मुख्य बाजार सहित कृषि उपज मंडी भी रही बंद


एक दिवसीय बंदी का समर्थन शहरवासियों ने भी किया। जिले में भारत बंद के आह्वान का मिला-जुला असर रहा। कई जगहों पर बाजार बंद रहे तो कई जगहों पर बाजार में कुछ दुकानें खुली रहीं।


आशीष यादव
धार Published On :
dhar-bandh

धार। शुक्रवार को देशभर के व्यापारिक संगठन सहित अन्य सगठनों ने बंद का आव्हान किया था जिसका जिला में मिला-जुला असर देखने को मिला। यह बंद सुबह छह बजे से शुरू होकर रात आठ बजे तक जारी रहा।

कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने जीएसटी नियमों की समीक्षा की मांग करते हुए यह बंद बुलाया था। ई-वे बिल और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी उनका विरोध बंद के रूप में देखने को मिला।

अन्य जिलों व शहर के प्रमुख बाजार शुक्रवार को बंद थे। एक दिवसीय बंदी का समर्थन शहरवासियों ने भी किया। जिले में भारत बंद के आह्वान का मिला-जुला असर रहा। कई जगहों पर बाजार बंद रहे तो कई जगहों पर बाजार में कुछ दुकानें खुली रहीं।

इस दौरान किसानों, व्यापारियों व पल्लेदारों ने बंद को पूरा समर्थन दिया। इधर, किसान बंद का ज्यादा असर कृषि उपज मंडी व मंडियों में देखा गया।

सुबह से ही बंद को सफल बनाने के लिए टोलियों के रूप में निकल पड़े। जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जीएसटी कानून में संशोधन करने की मांग की।

कृषि उपज मंडी में रहा सूनापन –

कृषि बिल को लेकर जिला मुख्यालय पर मंडी रोड स्थित कृषि उपज मंडी में व्यापारियों व पल्लेदारों ने पूर्ण समर्थन दिया। ऐसे में शुक्रवार को सुबह से शाम तक मंडी रोड पर सन्नाटा रहा। कृषि उपज बंद होने से खरीद-फरोख्त पर नीलामी का कार्य भी बंद रहा। वहीं तुलाई व लदाई का कार्य पूरी तरह से ठप रहा।

बंद का मिला-जुला असर –

शहर सहित आस-पास बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। सुबह ही सामाजिक संगठन और व्यापारी द्वारा शहर में निकल कर बंद का आह्वान किया। वहीं शहर की जनता ने भी उनका समर्थन किया। कुछ इक्का-दुक्का लोगों द्वारा ही दुकान खोलकर रखना नजर आया। वहीं बाजार में सन्नाटा छाया हुआ था।

जीएसटी को लेकर विरोध –

कॉन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स ‘कैट’ के द्वारा जीएसटी के कुछ जटिल प्रावधानों को हटाने को लेकर भारत बंद के आह्वान पर धार जिला इकाई के द्वारा आयोजित धार बंद पूरी तरह सफल रहा।

इस बंद में सबसे विशेष बात यह रही के छोटे-छोटे दुकानदारों जिनका जीएसटी से कोई वास्ता नहीं है उन्होंने भी समर्थन देकर अपनी दुकानें बंद रखी।

बर्तन, कपड़ा, सर्राफा, ऑटोमोबाइल, पुस्तक, कृषि मंडी, स्टेशनरी, घड़ी, कृषि आदान संघ, लघु उद्योग संघ, टैक्स बार, किराना, मिठाई, होटल, दूध संघ आदि व्यवसायियों के संघों के माध्यम से अपनी दुकानें बंद रखकर धार बंद को सफल बनाया।

पेट्रोल पंपों ने भी तीन घंटे पेट्रोल पंप बंद रखकर अपना समर्थन दिया। वहीं व्यापारी व अन्य संगठन के प्रधानमंत्री के नाम एडीएम सलोनी सिडाना को आवेदन दिया गया।


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