शराब तो पकड़ी, आरोपी कब पकड़ोगे साहब? गुजरात भेजी जा रही अवैध शराब कंटेनर सहित जब्त


धार जिले में सरदारपुर पुलिस ने 34 लाख रुपये से अधिक की अवैध अंग्रेजी शराब पकड़ी। कंटेनर में फिनाइल के बीच छिपाई गई शराब जब्त, लेकिन मुख्य आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

धार जिले में अवैध शराब का कारोबार लगातार परवान चढ़ता जा रहा है। शनिवार को सरदारपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कंटेनर में फिनाइल की आड़ में गुजरात भेजी जा रही 34 लाख से अधिक कीमत की अंग्रेजी शराब पकड़ी है। हालांकि कार्रवाई में शराब तो जब्त कर ली गई, लेकिन मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, जिससे जिम्मेदारों पर सवाल उठने लगे हैं।

 

कंटेनर में छिपाई गई थी अंग्रेजी शराब

सरदारपुर पुलिस ने जिस कंटेनर (क्रमांक MP 13 H 1941) को पकड़ा, उसमें बैगपाइपर ब्रांड की व्हिस्की की कुल 417 पेटियां छिपाकर ले जाई जा रही थीं। कुल 3602.88 बल्क लीटर शराब की कीमत लगभग 34 लाख रुपये आंकी गई है। इसके साथ ही एक कंटेनर वाहन और एक मोबाइल फोन जब्त कर कुल करीब 49 लाख रुपये का मशरूका जप्त किया गया है। इस मामले में आबकारी एक्ट की धारा 34(2) के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच जारी है।

मुख्य आरोपी अब भी फरार

इस अवैध शराब तस्करी के मामले में सौरभ सचान निवासी टांडा और प्रकाश रोकड़िया अवस्या निवासी अलीराजपुर को आरोपी बनाया गया है। लेकिन कार्रवाई के 24 घंटे बाद भी पुलिस दोनों आरोपियों को पकड़ने में असफल रही है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी सौरभ सचान का मोबाइल और व्हाट्सएप सक्रिय था, बावजूद इसके पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई। अगर समय रहते गिरफ्तारी होती है, तो मध्यप्रदेश से गुजरात तक फैले अवैध शराब नेटवर्क का बड़ा भंडाफोड़ संभव हो सकता है।

 

कौन है सौरभ सचान?

सौरभ सचान का सफर एक साधारण शराब दुकान के सुपरवाइजर से शुरू हुआ था। लेकिन कम समय में अवैध शराब कारोबार के दम पर उसने करोड़ों रुपये की संपत्ति खड़ी कर ली है। लग्जरी गाड़ियों के शौक और धार में करोड़ों के बंगले के निर्माण कार्य से उसके आर्थिक साम्राज्य का अंदाजा लगाया जा सकता है।

 

पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल

जहां पुलिस ने अवैध शराब पकड़ने का दावा किया है, वहीं आरोपी को पकड़ने में तेजी नहीं दिखाई दे रही है। आरोप है कि इस तस्करी के पीछे धार, रतलाम और इंदौर के पुराने शराब सिंडिकेट का हाथ है। बताया जा रहा है कि यह शराब रतलाम के ठेके से लाई जा रही थी और गुजरात भेजी जानी थी।

 

अब तक आबकारी विभाग ने नहीं की बड़ी कार्रवाई

गौर करने वाली बात यह भी है कि जिले में बड़ी मात्रा में पकड़ी जा रही शराब के बावजूद आबकारी विभाग अब तक ऐसी किसी बड़ी कार्रवाई में सक्रिय नजर नहीं आया है। आबकारी विभाग केवल छोटे स्तर के अवैध शराब विक्रेताओं पर कार्रवाई तक सीमित रह गया है, जबकि असली नेटवर्क आज भी सक्रिय बना हुआ है।

 

अब क्या होगा?

किसी बड़े नेटवर्क के पर्दाफाश के लिए जरूरी है कि पुलिस सौरभ सचान जैसे मुख्य आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे। यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो अवैध शराब के इस संगठित कारोबार पर अंकुश लगाना और मुश्किल हो जाएगा।



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