
धार जिले में एक बार फिर से जमीनों की कीमतों में भारी उछाल आने वाला है। आगामी 1 अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू होने के बाद प्रॉपर्टी के दामों में 30 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। इससे घर और प्लॉट खरीदने की योजना बना रहे लोगों को बड़ा झटका लग सकता है।
शहरी और हाइवे से जुड़े इलाकों में होगा असर
धार जिले में 3517 लोकेशन चिह्नित की गई हैं, जिनमें से 1933 स्थानों पर जमीन की कीमतों में वृद्धि होने जा रही है। खासतौर पर शहर के आसपास के गांवों और नेशनल हाइवे से सटे क्षेत्रों में रेट तेजी से बढ़ने की संभावना है। पंजीयन विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार, जिले में जमीन की कीमतें सरकारी गाइडलाइन से अधिक दरों पर रजिस्ट्री होने के चलते बढ़ाई जा रही हैं।
मार्च में कम हुआ प्रॉपर्टी का लेन-देन
मार्च महीने में आमतौर पर रजिस्ट्रियों की संख्या अधिक रहती है, लेकिन इस बार खरीदारों की रुचि कम दिखाई दी। अधिकांश दस्तावेज लोन और कृषि भूमि से जुड़े हुए रहे। हालांकि, महीने के अंतिम सप्ताह में दस्तावेजों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि खरीदार नई दरें लागू होने से पहले संपत्ति खरीदना चाह रहे हैं।
राज्य शासन की नई गाइडलाइन और बढ़ी दरें
राज्य शासन हर साल जमीनों की खरीदी-बिक्री के लिए नई गाइडलाइन तैयार करता है। इस बार प्रस्तावित दरों में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है। इसका प्रमुख कारण पिछले वर्ष सरकारी गाइडलाइन से अधिक दामों पर हुई रजिस्ट्रियां हैं। प्रस्तावित गाइडलाइन को जनता के सामने रखा गया था, लेकिन कोई आपत्ति नहीं आने के कारण इसे लागू किया जा रहा है।
किन क्षेत्रों में बढ़ेंगे रेट?
धार जिले में कई प्रमुख स्थानों पर जमीन की दरें बढ़ने वाली हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे – नौगांव, बापयास और आसपास के क्षेत्र।
धार शहर – त्रिमूर्ति नगर, कलेक्टोरेट रोड, बसंत विहार, काशी बाग, शिव विहार, बालाजी नगर।
अन्य महत्वपूर्ण स्थान – बस स्टैंड, हटवाड़ा, मांडू रोड, जिला अस्पताल के आसपास के क्षेत्र।
इसके अलावा बदनावर, सरदारपुर, राजगढ़, धामनोद, कुक्षी, मनावर और धरमपुरी में भी जमीनों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
रजिस्ट्रियों से मिला करोड़ों का राजस्व
धार जिला प्रदेश के उन बड़े जिलों में शामिल है जहां भूमि रजिस्ट्रियों से सरकार को बड़ा राजस्व प्राप्त होता है। चालू वित्तीय वर्ष में 34,000 से अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं, जिनसे 208.94 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। सरकार ने इस वर्ष 261 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था।
नई दरें बढ़ाने के पीछे कारण
- बाजार मूल्य में बढ़ोतरी – संपदा प्रणाली से मिले आंकड़ों के अनुसार, सरकारी दरों से अधिक मूल्य पर रजिस्ट्रियां हुई हैं।
- हाइवे और अन्य महत्वपूर्ण मार्गों का विकास – इंदौर-अहमदाबाद हाइवे और अन्य प्रमुख सड़क परियोजनाओं से जमीनों की मांग बढ़ी है।
- विकास कार्यों में तेजी – शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नए निर्माण और व्यवसायिक गतिविधियों में बढ़ोतरी।
- मुद्रास्फीति और मांग में इजाफा – बढ़ती महंगाई और निवेशकों की दिलचस्पी के कारण जमीनों के दाम बढ़ रहे हैं।
- पंजीयन विभाग का सर्वेक्षण – स्थानीय स्तर पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर भी दरें बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
1 अप्रैल से प्रभावी होंगी नई दरें
पंजीयन विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और 1 अप्रैल से इसे लागू कर दिया जाएगा। इससे पहले ही कई लोग अपनी रजिस्ट्रियां पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उन्हें बढ़ी हुई कीमतें न चुकानी पड़ें।
यदि आप धार जिले में घर, प्लॉट या किसी अन्य प्रकार की संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो 1 अप्रैल से पहले यह काम निपटा लें। क्योंकि नई गाइडलाइन लागू होने के बाद प्रॉपर्टी की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। खासकर शहरी क्षेत्रों और हाइवे से सटे इलाकों में जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा।