
शहर के प्रतिष्ठित लाईफ मल्टीकेयर हॉस्पिटल और आईजीएम कॉलेज के स्टाफ और छात्रों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए दो आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस ज्ञापन में न केवल महिला स्टाफ के साथ की गई बदसलूकी का उल्लेख है, बल्कि हॉस्पिटल और कॉलेज परिसर में गुंडागर्दी और धमकी भरे व्यवहार को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
ज्ञापन में बताया गया है कि ग्वला निवासी नावेद पटेल और शोएब पटेल नामक दो युवक लगातार हॉस्पिटल और कॉलेज में घुसपैठ कर रहे हैं। इन पर आरोप है कि वे सीनियर छात्रों से जबरन जूनियर छात्रों की रैगिंग करवाते हैं और विरोध करने पर स्टाफ को धमकियां दी जाती हैं। इतना ही नहीं, महिला स्टाफ से अभद्र भाषा में बात करना, छेड़छाड़ करना और परिसर में भय का माहौल बनाना, इनकी आदत बन चुकी है।
गंभीर आरोप: ब्लैकमेलिंग और फर्जी ऑडियो का इस्तेमाल
छात्रों और स्टाफ का यह भी आरोप है कि नावेद पटेल ने हॉस्पिटल डायरेक्टर डॉ. जमील शेख को ब्लैकमेल करने के लिए एक दस साल पुरानी फर्जी ऑडियो क्लिप का सहारा लिया है। आरोप है कि उस ऑडियो में डॉ. शेख की आवाज नहीं है, फिर भी गुजरात के किसी वकील से बातचीत के बहाने लाखों रुपये की मांग की जा रही है।
हॉस्पिटल में डर का माहौल
स्टाफ ने बताया कि आए दिन लाईफ केयर हॉस्पिटल में घुसकर लर्निंग नर्सेस और गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार किया जाता है। आरोपियों ने यहाँ तक कि अस्पताल और कॉलेज को आग लगाने की धमकी भी दी है। महिलाओं में इस कारण भय का वातावरण बन गया है, जिससे उनका कार्य प्रभावित हो रहा है।
अस्पताल प्रबंधन को भी निशाना
पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं में, जब महिला स्टाफ से छेड़छाड़ का विरोध किया गया तो अस्पताल के मैनेजर डॉ. लोकेन्द्र सिसोदिया से भी दुर्व्यवहार किया गया। उनसे अपशब्दों में बात की गई और जबरन पैसों की मांग की गई।
फर्जी मेडिकल प्रैक्टिस के भी आरोप
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि नावेद पटेल का होम्योपैथिक रजिस्ट्रेशन नहीं है, फिर भी वे एलोपैथी की प्रैक्टिस कर रहे हैं, जो कानूनन अपराध है। साथ ही वे राजनीतिक संपर्कों के माध्यम से दबाव बनाकर काम करवा रहे हैं।