धार। मानसून के आने में हो रही देरी के कारण एक ओर किसान चिंतित हैं तो दूसरी ओर उम्मस से लोगों के हाल बेहाल हैं। उमस वाली गर्मी ने लोगों के जनजीवन पर काफी असर किया है।
प्रदेश में कुछ जगह मानसून आ चुका है, लेकिन जिले में अब भी अच्छी बारिश का इंतजार है। बुधवार को शहर में 15 से 20 मिनट बारिश हुई व आसपास के ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश देखने को मिली है।
अब कुछ जगह किसान बोवनी के काम मे भी लग जायेंगे। अभी हुई हल्की बारिश को कई किसान मानसून की दस्तक मान रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिक केएल गाठिया ने बताया कि लोकल सिस्टमों का सपोर्ट नहीं मिलने के कारण जिले में अच्छी बारिश नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ से आने वाले मानसून से जिले में अच्छी बारिश होगी। एक-दो दिन यानी कि 25 जून तक अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार सुबह से ही शहर सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में बादल छाए हुए थे। बीच-बीच में कुछ समय के लिए धूप निकली। दोपहर करीब तीन बजे मौसम में अचानक बदलाव आया और करीब 15 से 20 मिनट तक बारिश होती रही।
इसके बाद कुछ देर तक बूंदाबांदी का दौर चलता रहा। देर शाम तक बादल छाए रहे। बारिश होने के कारण लोगों को उमस से परेशान होना पड़ा। वहीं जिले के अन्य क्षेत्रों में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश तो कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई है तो कहीं तेज बारिश हुई।
कुछ जगह बादल ही छाए रहे। बादल छाने से तापमान में वृद्धि हुई है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को दिन का तापमान 35.8 डिग्री व रात का 22 डिग्री सेल्सियस था।
अब तक जिले में 66 मिमी बारिश –
जिले में 1 जून से अब तक 66 मिमी यानी कि ढाई इंच बारिश हुई है जो बोवनी के लिए बहुत कम है। अब तक सबसे ज्यादा बारिश पाटी, बदनावर, मनावर, सरदापुर, कुक्षी धार में हुई है और धरमपुरी क्षेत्र में सबसे कम बारिश हुई है।
अच्छी बारिश के इंतजार में किसान –
अच्छी बारिश नहीं होने से अब भी कई किसानों ने सोयाबीन व अन्य फसलों की बुआई नहीं की है। कुछ जगह बारिश ज्यादा हो गई तो बोवनी भी कर दी गई है। किसानों ने बताया एक-दो बार अच्छी बारिश होगी। इसके बाद ही बुआई करेंगे।
एक दो दिन में अच्छी बारिश की उम्मीद –
25 जून तक अच्छी बारिश की उम्मीद मौसम वैज्ञानिकों ने जताई है। छत्तीसगढ़ वाले मानसून से प्रदेश में अच्छी बारिश होगी। इसके चलते प्रदेश के कुछ जिलों में भारी बारिश हो रही है।
जिले में 24 जून के बाद अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। अब धीरे-धीरे लोकल सिस्टम तैयार हो रहे हैं। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने सिस्टमों को लोकल सिस्टमों का सपोर्ट मिला तो यहां भी भारी बारिश होगी।